वापस लौटने लगा शादियों का सीजन, पर प्लेट के हिसाब से बुक हो रही शादियों की तारीख

कैटरर्स का कहना, 200 लोगों की शादी में मुनाफा मुश्किल, स्टाफ की सेलरी निकलेगी

अगले दो माह की बुकिंग को देखकर जनवरी-फरवरी में व्यापार पटरी पर लौटने की उम्मीद

Meerut। कोरोना कॉल के बीच शादियों का दूसरा और साल का अंतिम सीजन शुरू हो चुका है। वहीं दावतों के लिए लोग अब कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार तैयार भी हैं। इतना ही नहीं, 200 मेहमानों के साथ वर व वधू पक्ष ने भी अब छोटे होटल व रेस्टोरेंट बुक करने शुरू कर दिए हैं। हालांकि शादी में अहम भूमिका निभाने वाले हलवाई और कैटरर्स शादियों के सीजन को लेकर खुश नहीं हैं। दरअसल, शादी में मेहमानों की कम संख्या के कारण हलवाई और कैटरर्स को खासा नुकसान हो रहा है। वहीं होटल व रेस्टोरेंट संचालक भी अब कम महमानों के कारण प्रति प्लेट बुकिंग लेकर प्लानिंग कर रहे हैं।

मेहमानों की कम संख्या

कोरोना से पहले शहर के कैटर्स और हलवाईयों के पास सीजन टाइम में शादियों के आर्डर की भरमार होती थी। एक-एक दिन में दो से तीन शादियों की बुकिंग हलवाई लिया करते थे। एक शादी में 500 से लेकर 2 हजार तक मेहमानों का खाना बनता था। मगर कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद से शादियों का सीन बदल गया है। अब 200 लोगों के बीच ही शादी का पूरा कार्यक्रम संपन्न करना के शासनादेश हैं। इससे हलवाई और कैटरर्स के लिए अब मुनाफा कमाना तो दूर, स्टाफ की सैलरी तक निकालना मुश्किल हो गया है। हालांकि सीजन शुरू होने के बाद शादियों मे खाने व कैटरिंग के आर्डर तो मिलने शुरू हो गए हैं लेकिन मेहमानों की संख्या कम होने के कारण कैटरर्स के लिए मुनाफा निकालना भारी काम है। हालांकि शादियों के सीजन के साथ ही अपने कर्मचारियों की सैलरी निकलने के लिए कैटरर्स ने आर्डर पकड़ना शुरू कर दिया है।

पर प्लेट की बुकिंग

मेहमानों की संख्या कम होने के कारण अब होटल व रेस्टारेंट व्यवसायियों ने भी प्रति प्लेट बुकिंग के ऑफर देना शुरू कर दिए हैं। आयोजक को भी 200 लोगों के लिए हलवाई करने से बेहतर छोटे होटल में प्लेट सिस्टम बुक करना सस्ता पड़ रहा है। इससे खुद होटल व रेस्टारेंट संचालक ही अपनी कैटरिंग सíवस देकर पूरा कार्यक्रम खत्म करा रहे हैं। प्लेट सिस्टम में आयोजक को कम खर्च में तरह-तरह के फूड आइटम के मिल जाते हैं। इसलिए यह सीजन कैटरर्स से ज्यादा छोटे होटल व रेस्टोरेंट संचालकों के लिए बेहतर साबित हो रहा है।

कोरोना का असर कैटरर्स के काम पर पड़ रहा है। शादियों में मेहमानों की संख्या कम होने के कारण कैटरिंग के बडे़ आर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि प्लेट सिस्टम के माध्यम से बुकिंग इस साल बढ़ी है। इससे कैटर्स को मुनाफा तो नहीं लेकिन उनका खर्च जरूर निकल जाएगा।

विपुल सिंघल, सात फेरे कैटरर्स

कोरोना काल में शादियों में मेहमानों की संख्या कम होने के कारण हमारे लिए खर्च निकलना बेहद मुश्किल वाला काम है। 200 महमानों के प्रोग्राम में प्लेट सिस्टम में स्टाफ की सैलरी बामुश्किल निकलती है। अगले दो माह में इस साल केवल 25 प्रतिशत बुकिंग है।

मयंक गोयल, ओसियन कैटर्स

कैटरिंग का काम कोरोना के कारण डाउन रहा है। हालांकि अगले दो महीने की कुछ बुकिंग मिली हैं लेकिन गत वर्ष की तुलना में ये बहुत कम हैं। हालांकि जो बुकिंग मिल रही हैं, उनसे उम्मीद है कि जनवरी-फरवरी में काम वापस पटरी पर आ जाएगा।

आशीष, खेमा कैटर्स