मेरठ (ब्यूरो)। सीसीएसयू ने प्राइवेट कोर्स में रजिस्टे्रशन शुल्क के लिए कॉलेजों को अनुमति दे दी है। तीन सालों से यूनिवर्सिटी प्राइवेट फार्म भरने वाले स्टूडेंटस से यह शुल्क सीधे ले रहा था। स्टूडेंट परीक्षा शुल्क में इस फीस को जोड़कर देते थे। इससे स्टूडेंट्स को कॉलेजों में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता था। कॉलेजों में अवैध वसूली की शिकायतों के बाद यूनिवर्सिटी ने यह व्यवस्था लागू की थी। अब छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी के इस फैसले का विरोध किया है। उनका मानना है कि एक बार फिर से अवैध वसूली होने लगेगी।

ऑनलाइन भेजा जाता था शुल्क
यूनिवर्सिटी पहले ऑनलाइन रजिस्टे्रशन शुल्क लेने के बाद कॉलेजों को पेपर के बाद ऑनलाइन ट्रांसफर करता था। इस व्यवस्था से कॉलेजों की मनमानी खत्म हो गई थी और स्टूडेंट्स केवल संबंधित कॉलेज में अपने फार्म ही जमा करने जाते थे। हालांकि कॉलेज यूनिवर्सिटी पर समय से फीस ट्रांसफर नहीं करने के आरोप लगा रहे थे। इधर छात्र नेताओं ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि शुल्क कॉलेजों के हाथ होगा तो वो मनमानी करेंगे। बता दें कि आठ सौ से अधिक कॉलेज हर साल प्राइवेट परीक्षा केंद्र बनते हैं, यहां करीब 2.5 लाख स्टूडेंट्स प्राइवेट परीक्षा में हर साल शामिल होते हैं, जहां अब कॉलेज परीक्षा शुल्क सीधे लेंगे।

अधिक शुल्क लेने पर होगी कार्रवाई
हालांकि यूनिवर्सिटी ने इसका समाधान निकालते हुए तय कर दिया है कि प्रत्येक स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज अधिक से अधिक 535 रुपए तक शुल्क ले सकते हैं। इससे अधिक शुल्क लेने पर कार्रवाई होगी, लेकिन वाबजूद इसके स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि कॉलेज नियमों की अक्सर अनदेखी करते हैं, वो अवैध वसूली पर उत्तर आएंगे।

कोट्स
यूनिवर्सिटी के फैसले के बाद कॉलेज फिर से अवैध वसूली पर उतर आएंगे। रजिस्टे्रशन शुल्क में कॉलेज मनमानी करते हैं, इसका खामियाजा स्टूडेंट्स भुगतेंगे, कॉलेज रसीद भी नहीं देते हैं।
अंकित अधाना, स्टूडेंट लीडर

ये गलत होने जा रहा है। कॉलेज अवैध तरह से पैसे वसूलेंगे। भले ही यूनिवर्सिटी कितने भी नियम बना ले, कोई भी असर नहीं होगा।
विनित चपराना, छात्रनेता

यूनिवर्सिटी को नियम बनाने के साथ ही इनको हकीकत में लागू करवाना हेागा। तभी इसका फायदा होगा वरना तो बेकार है।
शाबान, स्टूडेंट

हम इसके विरोध में हैं। क्योंकि इससे स्टूडेंट पर सीधा असर होगा, कॉलेज एक्स्ट्रा वसूली करेंगे। जो गलत होगा।
अरुण, स्टूडेंट

वर्जन
प्राइवेट स्टूडेंट्स से कॉलेज प्रति स्टूडेंट्स 535 रुपए ही पंजीकरण शुल्क अपने स्तर पर ले सकेंगे। इससे अधिक फीस लेने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कॉलेज यह मांग कर रहे थे। जिसको वित्त समिति की बैठक में मान लिया गया है।
सुशील गुप्ता, वित्त अधिकारी सीसीएसयू

इस संबंध में कॉलेजों ने काफी मांग की। कॉलेजों का कहना था कि प्रक्रिया के चलते उन तक पैसा लेट पहुंचता है। ऐसे में ये फैसला वित्त समिति की बैठक में हुआ है।
प्रो। संगीता शुक्ला, वीसी सीसएसयू