पंचायत से लेकर संसद के चुनाव और कार्यविधि का करेंगे विश्लेषण

जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के प्रभाव को देखकर बनाएंगे प्रोजेक्ट

Meerut। बीए राजनीति विज्ञान में अभी तक केवल सैद्धांतिक पढ़ाई होती थी। नए सत्र से अब राजनीति विज्ञान के छात्र-छात्राएं प्रैक्टिकल भी करेंगे। उनका प्रैक्टिकल किसी प्रयोगशाला तक सीमित नहीं रहेगा। वह पंचायत से लेकर संसद तक के चयन से लेकर उनकी कार्यविधियों को भी देखेंगे। इसके लिए वह गांव से लेकर संसद तक भी जा सकेंगे।

किया गया बदलाव

चौधरी चरण सिंह विवि और उससे संबद्ध कॉलेजों में बीए राजनीति विज्ञान का सिलेबस नई शिक्षा नीति के तहत तैयार किया गया है। बीए में राजनीति विज्ञान में अभी तक प्रैक्टिकल नहीं होते थे। पहली बार इसमें प्रैक्टिकल को जोड़ दिया गया है। छात्रों को थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल कराने का मौका दिया जाएगा। छात्र राजनीति के व्यवहारिक पहलुओं को भी देखेंगे। राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो। पवन शर्मा का कहना है कि राजनीति विज्ञान में छात्रों को अब फील्ड में जाकर कुछ घंटे का काम करना होगा। इसमें वह गांव में पंचायत कैसे काम करती है, उसका चयन कैसे हो रहा है। संसद की कार्यवाही कैसे चलती है। सरकार की योजनाओं में जनधन, आयुष्मान, श्रेष्ठ भारत, बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं आदि तमाम योजनाओं का समाज पर कितना असर पड़ा है, उसका विश्लेषण करेंगे। कुल मिलाकर राजनीति विज्ञान के प्रैक्टिकल में लोकतंत्र का जनता के सामाजिक, आर्थिक विकास पर कितना प्रभाव पड़ता है, उसकी जमीनी पड़ताल करेंगे। इसके लिए जरूरत पड़ने पर वह कुछ दिन ग्राम प्रधान के साथ रहकर कार्य करेंगे। विधायक, सांसद, नगर निगम आदि के साथ भी रहकर अपने प्रोजेक्ट को पूरा करेंगे।

तीन प्रैक्टिकल छह क्रेडिट

राजनीति विज्ञान में पहले सेमेस्टर में एक प्रैक्टिकल दो क्रेडिट का होगा। तीसरे सेमेस्टर में दो क्रेडिट का प्रैक्टिकल कार्य रखा गया है। पांचवें सेमेस्टर में भी एक प्रैक्टिकल दो क्रेडिट का है। छह क्रेडिट का प्रैक्टिकल 100 नंबर का रखा गया है।