मेरठ (ब्यूरो)। एक समय था जब बेटिकट दैनिक यात्रियों की वजह से रेलवे को राजस्व में बड़ा घाटा होता था। मगर अब रेलवे की सख्ती के चलते ट्रेनों में चल रहे धरपकड़ अभियान ने इस घाटे को मुनाफे का सौदा बन दिया है। स्थिति यह हो गई है कि हर साल रेलवे के राजस्व में करोड़ों का इजाफा हो रहा है। आंकड़ों की बात करें तो दिल्ली मंडल में तीन साल में 100 करीब करोड़ से अधिक का जुर्माना वसूला है।

मेरठ रीजन में 30 करोड़
दिल्ली मंडल के सबसे प्रमुख मेरठ सिटी और कैंट स्टेशन से रोजाना 20 से 25 हजार दैनिक यात्री दिल्ली, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, अंबाला के लिए ट्रेनों से सफर करते हैं। अधिकतर दैनिक यात्रियों के बीच कुछ ऐसे यात्री भी होते हैं जो बिना टिकट यात्रा करना ज्यादा पसंद करते हैं। पिछले कुछ साल में रेलवे प्रबंधन, जीआरपी और आरपीएफ की सख्त चेकिंग के चलते बेटिकट यात्रियों की धरपकड़ में तेजी आई है। इन यात्रियों को स्टेशन पर पहुंचते ही टिकट चेकिंग के दौरान दबोच लिया जाता है और धारा 138 के तहत किराये से 250 रुपया अधिक का जुर्माना वसूला जाता है। ऐसे में पिछले तीन साल में मेरठ रीजन में करीब 30 करोड़ से अधिक जुर्माना बेटिकट यात्रियों से वसूला जा चुका है।

दिल्ली मंडल में करोडों की वसूली
वहीं दिल्ली मंडल में तीन साल में करीब 99.79 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया है। इसमें मेरठ से दिल्ली, मेरठ से मुजफ्फरनगर क्षेत्र के सबसे अधिक बेटिकट यात्री शामिल हैं।

फैक्ट्स एक नजर में
1. 100 करोड़ करीब का जुर्माना वसूला गया एक साल में रेलवे के दिल्ली मंडल में

2. 2020-21 में कोरोना के दौरान रेलवे पुलिस ने पकड़े 59 हजार करीब बेटिकट यात्री
2.64 करोड़ रुपए का जुर्माना रेलवे ने वसूला इन यात्रियों से

3. 2021-22 में रेलवे पुलिस ने पकड़े 8.14 लाख बेटिकट यात्री
44.67 करोड़ का जुर्माना वसूला रेलवे ने वसूला इन यात्रियों से

4. 2022-23 में रेलवे ने पकड़े 8.02 लाख बेटिकट यात्री
52 करोड़ से अधिक का जुर्माना रेलवे ने वसूला इन यात्रियों से

5. 30 करोड़ का जुर्माना वसूला गया मेरठ सिटी और कैंट स्टेशन पर बेटिकट यात्रियों से

नियमित रूप से स्टेशन पर चेकिंग की जा रही है। इससे अलग आरपीएफ और जीआरपी की टीम भी चेकिंग करती रहती है। कोरोना के बाद से बेटिकट यात्रियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
आरपी सिंह, स्टेशन अधीक्षक, सिटी रेलवे स्टेशन