- स्ट्रीट लाइट्स होने के बाद पिछले एक साल से नहीं जली

- जमुनिया बाग में लाखों रुपए खर्च कर एक दर्जन से अधिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई

- मॉर्निग करने वालों में लगातार घट रही महिलाओं और बच्चों की संख्या

Meerut : सदर में स्ट्रीट लाइट्स खराब होने खबर प्रकाशित होने के बाद डिफ्रेंट इलाकों के लोगों ने इस गंभीर समस्या को सामने रखना शुरू कर दिया है। अब कई ऐसे लोग सामने आए, जिन्होंने जन प्रतिनिधि से कहकर स्ट्रीट लाइट्स लगवाई, लेकिन स्ट्रीट लाइट आज तक तक नहीं जली। ये वो लोग हैं जो सुबह सूरज उगने से पहले मॉर्निग वॉक पर जाते हैं। सुनसान रोड और लाइट न होने के कारण वो रोड काफी भयावह होती है। आइए आपको भी बताते हैं यहां आज किस इलाके की बात कर रहे हैं।

तो ये है वो इलाका

राम ताल वाटिका के नजदीक जमुनिया बाग, जो रोड सीधे सिटी स्टेशन की ओर जाती है। इस रोड पर हर रोज सैंकड़ों लोग मॉर्निग पर जाते हैं। वहां से वो पैदल ही औघड़नाथ मंदिर की सुबह की पहली आरती में पहुंचकर भगवान के दर्शन करते हैं। बकायदा ऐसे लोगों ने मॉर्निग वॉक एसोसिएशन भी बनाई हुई है, जिसमें रेलवे रोड, प्रेमपुरी, देवपुरी, जैन नगर, मधुबन कॉलोनी, दशमेश नगर, कमला नगर, पंजाबी पुरा के करीब भ्0 से अधिक लोग होते हैं। बकायदा इस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं जिनका नाम अजय गुप्ता है।

ये है समस्या

ये मॉर्निग वॉकर्स सुबह करीब ब् बजे अपने घरों से वॉक के निकलते हैं। थोड़ी दूर तक तो रोशनी होती है। जब सिटी स्टेशन मोड़ से मुड़ते हैं तो एक गंभीर समस्या सामने खड़ी होती है। जैसे-जैसे लोग स्टेशन रोड से जमुनिया बाग की ओर बढ़ते हैं। लोगों की धड़कनें भी बढ़ने लगती हैं। क्योंकि लोगों को अंधेरे में कुछ नहीं दिखाई देता है। जैसे-तैसे कर वो उस रोड को पार कर औघड़नाथ मंदिर रोड पहुंचते हैं।

लगी थी क्भ् स्ट्रीट लाइट्स

कैंट बोर्ड का इलाका होने के नाते मॉर्निग वॉक एसोसिएशन ने वहां के स्थानीय मेंबर्स से यहां पर स्ट्रीट लाइट्स की डिमांड की थी। करीब सालभर पहले मेंबर ने अधिकारियों से कहकर एक दर्जन से अधिक स्ट्रीट लाइट्स भी लगवाई थी, लेकिन आज तक वो स्ट्रीट लाइट्स नहीं जली। जब इस बारे में स्थानीय मेंबर्स से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इस बात की शिकायत मैं कई बार कर चुका हूं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। मेरे पास मॉर्निग वॉकर्स के कई बार फोन आ चुके हैं।

महिलाओं और बच्चों की संख्या घटी

एसोसिएशन के मेंबर उमेश गुप्ता ने बताया कि हम लोग ग्रुप में जाते हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी होते हैं। पिछले एक साल की बात करूं तो महिलाओं और बच्चों की संख्या आधी भी नहीं रही है। एक तो सुनसान सड़क ऊपर से लाइट भी नहीं। अगर कोई वारदात हो जाए तो कौन जिम्मेदार होगा। वैसे भी सिटी में क्राइम घटनाएं काफी बढ़ गई हैं।

ये भी है खेल

प्राप्त जानकारी के अनुसार स्ट्रीट लाइट्स में बड़ा खेल हुआ है। एक तो स्ट्रीट लाइट्स मानकों के अनुसार नहीं लगाए गए हैं। वहीं ठेकेदार को पूरी पेमेंट कर दी गई है। आरोप ये है कि स्ट्रीट लाइट्स की ऊंचाई करीब फ्0 फीट की है। इनमें नियमों के अनुसार क्भ्0 से ख्00 वाट बल्ब होना चाहिए। ताकि रोशनी पूरी मिल सके, लेकिन सिर्फ भ्0 वाट का बल्ब लगाकर खानापूर्ति कर दी गई है।

लोगों द्वारा इस तरह की शिकायत प्राप्त हुई हैं। दो दिनों में वहां की स्ट्रीट लाइट्स की समस्या समाप्त कर दी जाएगी। कुछ तारें टूटी हुई हैं। उन्हें दुरुस्त करने को कह दिया गया है।

- एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड

लोगों के कहने पर मैंने ही कैंट बोर्ड में मुद्दा उठाया था। ताज्जुब की बात तो ये है कि स्ट्रीट लाइट्स मानकों के हिसाब से नहीं है। अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार को पूरी पेमेंट कर दी गई है।

- जगमोहन शाकाल, मेंबर, वार्ड-म्

पब्लिक अर्ली मॉर्निग वॉक पर जाती है। इसलिए मैंने नगर निगम के क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट्स लगवाई थी। कैंट बोर्ड का क्षेत्र शुरू होने पर क्षेत्रीय मेंबर्स से कहा तो स्ट्रीट लाइट्स तो लगी, लेकिन उनमें बिजली आज तक नहीं आई। अंधेरा होने से महिलाओं और बच्चों की संख्या भी घट गई है।

- अजय गुप्ता, प्रेसीडेंट, मॉर्निग वॉक एसोसिएशन