मेरठ में पहले भी हिंसा भड़का चुके पीएफआई एजेंट

मेरठ में पहले भी हिंसा करा चुके हैं पीएफआई के एजेंट

दिसंबर 2019 के पीएफआई ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में भड़काई थी हिंसा

पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर पीएफआई के एजेंटों को किया था गिरफ्तार

मेरठ में पहले भी पकड़े जा चुके हैं आतंकी और जासूस

Meerut । लखनऊ में पकड़े गए पीएफआई एजेंट एक बार फिर कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकते थे, लेकिन उनकी सभी साजिश नाकाम हो गई। मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर दिसंबर 2019 में हुए बवाल में पीएफआई के एजेंट का नाम सामने आया था, जिन्होंने मेरठ समेत आसपास के क्षेत्रों में हिंसा फैलाने का काम किया था। यहां से दो आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।

खुलेआम चलाई थी पुलिस पर गोलियां

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मेरठ में बड़ा बवाल हुआ था। हापुड़ रोड पर इस्लामाबाद चौकी को आग के हवाले कर दिया गया था। इतना ही नहीं हापुड़ रोड पर पुलिस टीम पर खुलेआम फायरिंग और वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी की गई थी। उपद्रव में पुलिस प्रशासन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाने वाले अनीस उर्फ खलीफा को मेरठ पुलिस ने नौचंदी एरिया से गिरफ्तार किया था। इसके पास से पीएफआई की भड़काऊ सामग्री भी बरामद की गई थी। पूछताछ में आरोपी अनीस ने सनसनीखेज खुलासा किया कि 1987 के दंगे में पुलिस ने उसके भाई रईस की हत्या कर दी थी। जिसका बदला लेने के लिए वह पीएफआई से जुड़ा था। उस दिन हिंसा होते ही उसने पुलिस पर गोलियां चलानी शुरू कर दी थी। पुलिस ने आरोपी से पिस्टल और तमंचा बरामद किया था।

बनाई गई थी रणनीति

20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद पुलिस पर हमले की पूरी रणनीति तैयार की गई थी। जिसमें खलीफा और सात-आठ युवकों को पुलिस पर गोलियां चलाने के लिए तैयार किया गया। इस प्लानिंग के तहत हिंसा में पुलिस फोर्स पर गोलियां चलाई थी। पीएफआई ने हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाया था।

बाद में किया था एक और आरोपी गिरफ्तार

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा भड़काने वाला अनीस खलीफा के साथ-साथ मुस्तकीम भी शामिल था। मुस्तकीम को भी गिरफ्तार मेरठ पुलि ने एसटीएफ के साथ मिलकर किया था। इसके कब्जे से साक्ष्य भी मिले थे, साक्ष्य मिलने के बाद इस आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जांच में सामने आया था कि आरोपी मुस्तकीम निवासी खिवाई सरूरपुर अपने साथियों के साथ लिसाड़ीगेट में मस्जिद में पहुंचा था। शास्त्रीनगर स्थित कार्यालय में पूर्व में भी शामिल रहा है। इसने शास्त्रीनगर ऑफिस में भड़काऊ सामग्री रखी थी। पीएफआई के पोस्टर और पर्चे बांटे थे।

इसके बाद आरोपी शहजाद को भी गिरफ्तार किया गया था।

इन्होंने कहा

पीएफआई के एजेंटों ने 2019 में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उपद्रव कराया था। इस मामले में आरोपियों को जेल भेजा गया था। इन सब पर निगरानी रखी जा रही है। सभी पीएफआई एजेंटों की निगरानी की जा रही है। इंटेलीजेंस को भी दिशा-निर्देश दिए गए है।

अजय साहनी, एसपी सिटी, मेरठ।