-तीन साल से जमे पुलिस वालों का किया गया तबादला

-ट्रांसफर ऑर्डर सर्व होने के बाद भी नहीं छोड़ रहे थाना

-जिले में जमे पुलिसकर्मियों की बनाई जा रही सूची

Meerut: थाना सदर बाजार के प्रभारी इंस्पेक्टर गजेन्द्र पाल यादव, लिसाड़ी गेट थाने के प्रभारी रवेन्द्र यादव। इनके जैसे कई अन्य पुलिस कर्मचारी। इनके लिए चुनाव आयोग और डीआईजी के आदेश भी मायने नहीं रखते। तभी तो ट्रांसफर के एक सप्ताह बाद भी इन्होंने आज तक थाना नहीं छोड़ा है। सूत्रों के अनुसार थानेदारों ने अब राजनीतिक आकाओं की परिक्रमा शुरू कर दी है, ताकि उनकी तैनाती उसी जगह बनी रहे। लेकिन चुनाव आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि तीन साल से एक ही जिले में जमे थानेदारों को हर हाल में हटना होगा, ताकि चुनाव में पारदर्शिता बरती जा सके।

आदेश से खलबली

चुनाव आयोग के आदेश के बाद सालों से एक ही जिले में जमे पुलिसकर्मियों में खलबली मची है। पुलिसकर्मियों ने आलाधिकारियों और नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि चुनाव आयोग के आदेश के बाद मेरठ में 30 अगस्त को 279 पुलिसकर्मियों के तबादले कर दिए गए थे। शेष पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनाने के लिए आदेश दिए गए हैं।

तरह-तरह की मजबूरियां

नेताओं व आलाधिकारियों के दरबार में जाकर कुछ इंस्पेक्टर व एसआई तरह-तरह की मजबूरी गिना रहे हैं। कोई आपने पिछले काम की दुहाई दे रहा है, तो कोई बच्चों की पढ़ाई की। विभागीय एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ को तो जिले का इतना मोह हो गया है कि वे झूठे ही अपने परिजनों के बीमार होने की बात कह रहे हैं।

इनका हुआ ट्रांसफर

शासन के आदेश पर 30 अगस्त को 279 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर आर्डर निकाला गया, लेकिन इनमें से 30 फीसदी ने अभी तक सीट नहीं छोड़ी है।

6 इंस्पेक्टर,

22 एसआई,

46 हेड कांस्टेबल,

86 एपी और

119 कांस्टेबल

वर्जन

जिनका ट्रांसफर हो चुका है, उन्हे थानों का चार्ज छोड़ना पड़ेगा। जिन्होंने चार्ज नहीं छोड़ा है उनकी लिस्ट बनाई जाएगी।

-जे रविन्द्र गौड़, एसएसपी