सड़कों पर भी सीएफएल से लेकर एलईडी लाइटें लगी हुई हैं लेकिन 70 प्रतिशत लाइट्स खराब हैं
अधिकतर स्ट्रीट लाइटें खराब हो चुकी हैं और कंपनी द्वारा उनकी रिपेयरिंग का काम कागजों में बदस्तूर जारी है
Meerut। आजादी के 70 साल बाद हम विकास की बात तो कर रहे हैं लेकिन जब प्रकाश की बात आती है तो हम खुद को अक्सर अंधेरे से ही घिरा पाते हैं। हम टाइम पर बिजली का बिल देते हैं और उम्मीद करते हैं कि हमें बिना कट के निर्बाध बिजली मिले। परंतु सच यह है कि आज भी शहर में रोजाना आमजन को लंबे पावर कट और ट्रिपिंग से दो-चार होना पड़ता है। बिजली कटौती के कारण कई छोटे उद्योगों की हालत खस्ता है। कटौती के कारण शाम होते ही शहर के सभी चौराहे और मार्ग अंधेरे के आगोश में गुमनाम से हो जाते हैं। सडकों पर भी सीएफएल से लेकर एलईडी लाइटें लगी हुई हैं लेकिन 70 प्रतिशत लाइट्स खराब हैं।
पॉवर कट की बदहाल व्यवस्था
हर घर में बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार की सौभाग्य योजना और दीन दयाल उपाध्याय योजना विद्युत विभाग के आंकडों के अनुसार अपने अंतिम चरण में है। बिजली विभाग का दावा है कि सितंबर माह से शहर व देहात में निर्बाध बिजली मिलेगी। हालांकि वास्तविकता इस दावे की जमीनी हकीकत बयां कर रही है। फिलवक्त गांव तो दूर शहर के किसी भी इलाके में निर्बाध विद्युत आपूर्ति नहीं है तो आने वाले कुछ ही दिनों में बिजली विभाग के हाथ कौन सा अलादीन का चिराग लगने वाला है, जिसे रगड़ने से शहर व देहात को निर्बाध बिजली मिलने लगेगी।
शहर में एवरेज पावर कट
क्षेत्र संबंधित बिजलीघर-एवरेज कट-गत 24 घंटे में
लिसाड़ी गेट- 3 घंटे
माधवपुरम- 1.31 घंटे
रामलीला ग्राउंड- 2.10 घंटे
टीपी नगर- 1.51 घंटे
लेडीज पार्क- 3.39 घंटे
मोहनपुरी- 2.04 घंटे
घंटाघर- 2.39 घंटे
सदर- 1. 29 घंटे
आरटीओ- 3.18 घंटे
यूनिवर्सिटी रोड- 1.42 घंटे
मेडिकल कॉलेज 1- 3.12 घंटे
मेडिकल कॉलेज 2- 37 मिनट
जागृति विहार 1- 4.18 घंटे
जागृति विहार 2- 3.26 घंटे
शारदा रोड 2.36 घंटे
खड़ौली 4 घंटे
मोहकमपुर 3.40 घंटे
हापुड़ रोड 3.16 घंटे
शाम होते ही अंधेरा
करीब डेढ़ साल पहले नगर निगम ने शहर की पुरानी सोडियम स्ट्रीट लाइट के बदलते एलईडी लाइट्स से शहर को रौशन करने और मेंटिनेंस करने का ठेका एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड को दिया था। इस ठेके के तहत कंपनी ने शहर की करीब 42 हजार सोडियम लाइट्स को बदला था। हालांकि अधिकतर लाइटें खराब हो चुकी हैं और कंपनी द्वारा उनकी रिपेयरिंग का काम कागजों में बदस्तूर जारी है। वहीं विद्युत विभाग द्वारा लोकल फॉल्ट क चलते आए दिन शाम होते ही शहर के अधिकतर मार्ग और चौराहे अंधेरे में डूब जाते हैं।
निगम के मुताबिक
सोडियम लाइटों का बिल सालाना करीब 14 करोड़ रूपये आता है। इसके साथ ही इनकी सालाना रिपेयरिंग में करीब 17.20 करोड़ रूपये खर्च होते हैं।
विश्वविद्यालय रोड
हापुड़ अड्डा से भूमिया पुल
सोतीगंज से बेगमपुल
हापुड़ बाईपास
गांधी आश्रम से हापुड़ अड्डा
सम्राट हैवेंस चौराहे से तेजगढ़ी
तेजगढ़ी से मेडिकल कॉलेज
नूर नगर से हापुड़ अड्डा
समर गार्डन से भूमिया पुल
गंगानगर डिवाइडर रोड
कंकरखेड़ा फ्लाईओवर
छोटे उद्योगों पर भारी बिजली कटौती
बिजली कटौती का सबसे अधिक प्रभाव शहर के मध्यम वर्गीय इंडस्ट्रलिस्ट और छोटे व्यापारियों पर पड़ रहा है। बार-बार बिजली कटौती से जेनरेटर चलाना पड़ता है, जिससे खर्च दोगुना हो गया है। व्यापारियों की मानें तो मोहकमपुर और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स समेत सूरजकुंड स्पोर्ट्स मार्केट, वैली बाजार, कैंचीयान जैसे छोटी उद्योगों वाले इलाकों में 10 से 12 घंटे की कटौती की जा रही है।
विद्युत विभाग की सर्विस में सुधार हुआ है लेकिन कटौती पर विभाग लगाम नहीं कस पा रहा है। साईपुरम इंस्डस्ट्रीयल एरिया को घरेलू फीडर से जोड़ा हुआ है, जिससे इंस्डस्ट्रीज को मिलने वाली बिजली पर पर्याप्त नहीं हो पाती। लोड बढ़ने से इंस्डस्ट्रीज को रोजाना औसतन 3 से 5 घंटे की अतिरिक्त कटौती झेलनी पड़ रही है।
अजय सहगल, अध्यक्ष, साईपुरम इंस्डस्ट्रीज एसोसिएशन
लोहियानगर इंस्डस्ट्रीज इलाके में लघु उद्योग में गिना जाने वाले कैंची कलस्टर उद्योग को इसलिए जगह दी गई थी कि यहां बिजली की समस्या से निजात मिलेगी लेकिन स्थिति उलट है। वहां रोजाना 5 से 6 घंटे की कटौती की जा रही है।
शरीफ अहमद, अध्यक्ष, कैंची एसोसिएशन
इंस्डस्ट्रीज को निर्बाध बिजली दिलाने के लिए कई बार प्रशासन और एमडी स्तर पर बात हो चुकी है लेकिन ना तो इंडस्ट्रीज को निर्बाध बिजली मिल पा रही है और ना ही बिजली कटौती में कमी आ रही है।
अतुल भूषण गुप्ता, अध्यक्ष, आईआईए
रैपिड फायर
बीएस यादव, चीफ इंजीनियर
सवाल- नो ट्रिपिंग जोन कवायद कब पूरी होगी?
जवाब- नो ट्रिपिंग जोन की कवायद पर काम चल रहा है। सितंबर माह तक इस व्यवस्था को लागू करने का प्रयास है।
सवाल- बिजली कटौती से निजात क्यों नही मिल पा रही है?
जवाब- फिलहाल शहर में विद्युत फीडर और ट्रांसफार्मर पर पॉवर बूस्टिंग का काम चल रहा है इसलिए पॉवर कट लिया जा रहा है।
सवाल- इंडस्ट्रीज को निर्बाध बिजली क्यों नहीं दी जाती?
जवाब- इंडस्ट्रीज की सप्लाई अलग फीडरों से हो रही है। कुछ क्षेत्रों में फीडर से लोकल कालोनियों व क्षेत्रों को भी सप्लाई है इसलिए आपूर्ति बाधित होती है। बाकि अधिकतर मौसम के कारणों से आपूर्ति बाधित हो रही है।
सवाल- शहर की स्ट्रीट लाइटें क्यों बंद रहती हैं?
जवाब- शहर की स्ट्रीट लाइटों की रिपेयरिंग और लगाने का जिम्मा निगम का है। हम सप्लाई देते है लेकिन अधिकतर क्षेत्रों में लाइट खराब हैं, जिसके कारण स्ट्रीट लाइटें बंद रहती हैं।