मेरठ.स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी पैथालोजी लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि मलेरिया या डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज का पूरा ब्योरा विभाग को उपलब्ध कराया जाए। साथ ही रिपोर्ट में भ्रम की स्थिति को रोकने के लिए नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के निर्देशानुसार केवल प्रमाणित किटों का ही प्रयोग किया जाए। इसमें लापरवाही बरतने पर एपीडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

इलाज में ना हो लापरवाही
वहीं, दूसरी तरफ डेंगू मलेरिया के लगातार बढ़ रहे मरीजों की देखभाल के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वेक्टर जनित रोगों से ग्रसित रोगियों का इलाज करने के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की जाए। उन्हें मच्छरदानी लगाकर तैयार रखा जाए ताकि अन्य रोगियों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। मलेरिया की पुष्टि ब्लड स्ट्रिप से और डेंगू की पुष्टि एनएस 1 एलाइजा व मैक एलाइजा द्वारा ही की जाए। इसके साथ ही किसी भी मरीज में रोग की पुष्टि घोषित किये जाने की दशा में एक अतिरिक्त नमूना दोबारा जांच के लिए सीएमओ आफिस, जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज की लैब को उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा साफ निर्देश हैं कि किसी अस्पताल में बिना विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह के दवा न दी जाए।

मच्छर का लार्वा मिलने पर जुर्माना
वेक्टर बॉर्न डिजीज को लेकर विभाग ने गंभीरता से चेकिंग अभियान शुरु कर दिया है। इसके तहत लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है। इसके तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत चालान कर जुर्माना वसूला जाता है। स्वास्थ्य विभाग लोगों से अपील कर रहा है कि वह अपने घरों और आस-पास सफाई रखें और मच्छर न पनपने दें। साथ ही विभाग द्वारा की गयी चेकिंग के दौरान किसी के घर अथवा संस्थान में मच्छर का लार्वा पाया गया तो चालान कर जुर्माना वसूला जाएगा।

वर्जन-
मलेरिया या डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज का पूरा ब्यौरा विभाग को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही मलेरिया के डेंगू के लार्वा की जांच का अभियान शुरु कर दिया गया है।
- सत्य प्रकाश, जिला मलेरिया अधिकारी