लखनऊ (ब्यूरो)। कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान में आने वाले मरीजों को जल्द ही जांच दरों में राहत मिलने वाली है। दरअसल, अभी तक पीपीपी मॉडल पर हो रही जांचों को जल्द ही यहां स्थापित माइक्रोबायलॉजी विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके लिए विभाग द्वारा लेटर लिखा गया है, जिसके बाद संस्थान प्रशासन द्वारा निजी संस्थान का करार खत्म करने के लिए लेटर जारी कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह प्रक्रिया कई चरणों में की जायेगी ताकि अचानक से लैब पर भार न आये। साथ ही, जांच शुल्क में कमी हो सकेगी, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा।

निजी लैब को लिखा लेटर

कैंसर संस्थान में इस समय 40 बेड पर मरीजों की भर्ती की सुविधा है। अगले महीने से 200 बेड करने की योजना है। यहां की ओपीडी में दिखाने आने वाले और भर्ती होने वाले मरीजों को जांच की सुविधा कैंसर संस्थान में ही मिलती है। पर यहां जांच पीपीपी मॉडल पर निजी लैब के माध्यम से की जाती है। इसी को देखते हुए संस्थान में स्थापित माइक्रोबायलॉजी विभाग की डॉ। मनीषा गुप्ता ने संस्थान प्रशासन को निजी लैब द्वारा की जा रहीं सभी जांच विभाग द्वारा स्वयं किए जाने के लिए लिखा है। जिसके बाद निजी संस्था को सेवाएं समाप्त करने के लिए नोटिस जारी करके अपना पक्ष रखने को कहा गया है।

कई चरणों में लागू होगी व्यवस्था

कैंसर संस्थान के सीएमएस डॉ। अनुपम वर्मा के मुताबिक, संस्थान लगातार मरीजों को राहत देने की दिशा में काम कर रहा है। उसी के तहत सस्ते दर पर जांच उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है, जिसके तहत यह जांच चरणबद्ध तरीके से माइक्रोबायलॉजी विभाग द्वारा की जायेगी। जांच सुविधा हर समय मिले इसके लिए भी काम किया जा रहा है। इसके बाद जांच शुल्क तय किए जाएंगे। संस्थान में पीजीआई की दरों के अनुसार ही मरीजों को जांच सुविधा दी जायेगी।