-किसान मजदूर उत्थान मोर्चा

ने किया ऐलान

Mawana : किसान मजदूर उत्थान मोर्चा ने गन्ना भुगतान को लेकर चल रहे धरने को जारी रखने का ऐलान किया है। मोर्चा अध्यक्ष ने मवाना चीनी मिल के गुड़गांव हेड ऑफिस में हुए समझौते को दबाव में होना करार दिया। समझौते की बाबत उन्हें पहले ही धमकी मिल गई थी। वहीं, एसडीएम मवाना ने किसान नेता के खिलाफ पिछले किसी मामले में वारंट जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे किसानाें में आक्रोश व्याप्त है।

यह हुआ प्रकरण

पिछले 14 महीनों से तहसील परिसर में किसान मजदूर उत्थान मोर्चा के अध्यक्ष शौकीन गुर्जर के नेतृत्व में गन्ना भुगतान की मांग को लेकर धरना चल रहा है। बीती 25 फरवरी को दो महिलाओं सहित पांच किसान एसडीएम-सीओ आवास के सामने लगी पानी की टंकी पर चढ़ गए थे और आत्माघाती कदम उठाने की चेतावनी दी थी। इससे पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया था। मिल अधिकारियों के लिखित रूप से आश्वासन दिए जाने के बाद किसान मानकर नीचे उतर गए थे।

धरना समाप्त करने के लिए हस्ताक्षर

उसके बाद 27 फरवरी को धरने में शामिल होने वाले 28 किसान मिल अधिकारियों के साथ मवाना चीनी मिल के गुड़गांव हैड आफिस में गए थे। जहां पर 50 करोड़ 15 मार्च तक और 31 मार्च तक पिछले सत्र का पूरा बकाया देने के आश्वासन पर किसानों ने 28 फरवरी को धरना समाप्त करने के समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।

जान से मारने का आरोप लगाया

किसान नेता शौकीन गुर्जर ने आरोप लगाया कि हैड आफिस में घुसने से पहले ही गन्ना समिति बोर्ड के एक पदाधिकारी ने उसे समझौता नहीं करने पर जान से मरवाने की धमकी दी थी और कहा था कि यदि हस्ताक्षर नहीं किए तो उसे घर वापस लौटने नहीं दिया जाएगा। उससे यह भी कहा कि गया समझौते की वीडियो भी बनेगी और यदि कुछ उल्टा सीधा हुआ तो उसकी खैर नहीं।

भुगतान के वादे से मुकरे मिल मालिक

उसने कहा कि मिल वाले हर बार भुगतान के वायदे पर मुकरे हैं और वह तो दबाव वाले समझौते से ही मुकरा है। इसमें उसने क्या बुरा किया। यदि अब उस पर प्रशासन, पुलिस या मिल ने दबाव बनाया तो किसानों आंदोलन के लिए वह अपनी शहादत देने को तैयार है। उसके आत्मघाती कदम को कोई ताकत नहीं रोक पाएगी।

एसडीएम ने वारंट जारी करने के दिए निर्देश

एसडीएम अरविंद सिंह ने गुड़गांव में हुए समझौते की प्रति पत्रकारों को उपलब्ध कराई और कहा कि सभी किसान जूस पीकर धरने से उठ गए हैं। सिर्फ शौकीन गुर्जर और देव शर्मा ही धरना स्थल पर जमे हैं। एसडीएम ने स्टेनो को शांति भंग के पिछले मामले में शौकीन गुर्जर के खिलाफ वारंट जारी करने के निर्देश दिए। वारंट जारी करने की बाबत पूछे जाने पर किसान नेता ने कहा कि जब मिल अधिकारी करोड़ों रुपया किसानों का दबाए बैठे हैं और उन्हाेंने हर बार प्रशासनिक अफसरों के आगे लिखित आश्वासन दिया, लेकिन बार-बार भुगतान के वायदे से मुकर गए। उस पर तो प्रशासन ने मिल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। फिर अपना भुगतान मांगकर उसने कौन सा गुनाह कर दिया।

बयान देने से कतराते रहे मिल अफसर

इस प्रकरण पर मिल अफसरों ने सोमवार को पत्रकार वार्ता बुलाई तो, लेकिन सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचते रहे। यहां तक कि एक मिल अधिकारी ने तो यहां तक कह डाला कि शौकीन गुर्जर के अंदर कम दिमाग है। उसे समझ ही नहीं आता कि पेमेंट का काम सिस्टम से चलता है। जब समझौते की सारी वीडियो उनके पास है तो वह अपने वादे से कैसे मुकर सकता है। एक मिल अफसर ने दबी जुबान से कहा कि क्या करें, मिल मालिक का दबाव है कि कैसे भी करके मीडिया को मैनेज किया जाए। तभी उनकी नौकरी बच सकती है।

फूंका मिल मालिक का पुतला

गन्ना भुगतान नहीं मिलने से नाराज युवा किसान मंच ने सोमवार को सुभाष चौक पर मवाना चीनी मिल मालिक का पुतला फूंका। छात्र नेता सचिन धनगस ने कहा कि मिल मालिक किसानों का जमकर उत्पीड़न करने पर तुला है। यदि जल्द ही भुगतान नहीं मिला तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उन्हाेंने नारेबाजी करते हुए पुतला जलाया। अंकुश गुर्जर, राहुल नागर, अरुण कुंडा, गौरव शर्मा, सौरभ गुप्ता, ललित राणा, गौरव, मोनू आदि मौजूद रहे।