दंगा आधारित कोर्स

दरअसल, मुजफ्फरनगर की हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। आईजी बीएस यादव की माने तो यहां दिए जाने वाले प्रशिक्षण में दंगों के दौरान हुई लापरवाही को उजागर कर सबक लेने की सलाह भी दी जाएगी। इतना ही नहीं कोर्स में पहले दस दंगों को लिया जाएगा, जो यूपी के मेरठ और अलीगढ़, इलाहाबाद जोन में हुए दंगों पर आधारित होंगे। इसका उद्देश्य है कि दंगा होने से पहले उस पर नियंत्रण किया जा सकें।

तैयार किया प्लान

मुजफ्फरनगर दंगे के बाद गृह मंत्रालय ने आनन फानन में पूरे प्रोजेक्ट को तैयार किया। यही कारण है कि अभी तक विधिक रूप से अकादमी को प्रशिक्षक नहीं मिल पाए है। अभी कक्षाओं का संचालन रिटायर्ड अफसरों से कराया जाएगा। अकादमी के लिए 25 एकड भूमि रखी गई है। रैपो को देश के छह प्रमुख टे्रनिंग सेंटरों में शामिल किया गया है। छह माह बाद इसी ऐसा रूप देने की कवायद चल रही है। जिससे विदेशी एजेंसी भी प्रशिक्षण ले सकें।

उद्घाटन आज

गृह मंत्री सुशील कुमार शिदें रविवार को आरएएफ एकेडमी ऑफ पब्लिक आर्डर का उद्घाटन करेंगे। इसके लिए एयरफोर्स के तीन हेलीकाप्टरों ने मौके पर पहुंचकर मुआयना किया। साथ ही हेलीपेड से लेकर सभी जानकारी जुटाई। उद्घाटन का समय 10.40 बजे रखा गया है। आइजी बीएस यादव, अलीगढ़ कमांडेंट अनिल ध्यानी और कमांडेंट अरविंद राय ने पूरे कार्यक्रम की तैयारी की जानकारी जुटा ली है। पुलिस फोर्स की तैनाती की व्यवस्था की गई है।

 "दंगा नियंत्रण, भीड़ नियंत्रण और लोक व्यवस्था प्रबंधन कोर्स के लिए नक्सली क्षेत्रों में तैनात रहे सीआरपीएफ के 13 हजार उन जवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, तो आरएएफ में अब ट्रांसफर हुए है। उनके बैच तैयार हो गए है। पहला बैंच 185 जवानों का होगा."

-अरविंद राय, कमांडेंट