- स्मार्ट सिटी के लिए विधायक और सांसद के साथ हुई बैठक

- अल्पसंख्यक समुदाय में नहीं है लोग पढ़े लिखे

- उनके पास जाकर करानी होगी स्मार्ट सिटी के लिए वोटिंग

MEERUT । स्मार्ट सिटी के लिए बुधवार को नगर निगम मीटिंग हॉल में सांसद और विधायकों के साथ मीटिंग हुई। सभी ने एक मत से कहा कि यदि शहर को स्मार्ट बनाना है तो नगर निगम को जनता तक पहुंचना होगा। वहीं शाम को इंडस्ट्रीयल लोगों के साथ मीटिंग की। उधर पार्षदों से बात कर मोबाइल वैन को वार्डो में भेजा गया।

ये आए सुझाव

- डेयरियों को सबसे पहले बाहर भेजा जाए

- गोबर गैस का प्लांट लगाया जाए। बिजली और खाद बनाई जाए।

- अंडर ग्राउंड बिजली के तार बिछाए जाएं

- डिवाइडरों पर पेड़ व पौधे लगाए जाएं

- सख्ती के साथ अतिक्रमण को हटवाया जाए

- नालों को कवर कराया जाए

न रह जाए कमी

बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और शहर विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि पिछली बार कागजों की कमी के कारण स्मार्ट सिटी के दावे की हवा निकल गई थी। पांच नंबर इस बात के कट गए थे। इस बार कागजों में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। स्थितियों में सुधार किया जाए।

नहीं इंटरनेट

हाजी इसरार सैफी ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय में इंटरनेट की सुविधा नहीं है। इसीलिए स्मार्ट सिटी के लिए वोटिंग कराने के लिए मोबाइल वैन को वहां पर भेजा जाए। वहां के लोगों को जागरूक किया जाए।

व्यापारियों के साथ बैठक की

शाम को व्यापारियों के साथ बैठक की गई। व्यापारियों से कहा कि इस समय महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि मेरठ को स्मार्ट सिटी घोषित करवाया जाए। लेकिन नगर निगम अपनी कार्यशैली में सुधार भी करे। इस दौरान सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, शहर विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी, मेरठ दक्षिण विधायक रविंद्र भड़ाना, एमएलसी सरोजनी अग्रवाल, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हाजी इसरार सैफी, किरन जाटव, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, नगर आयुक्त डीकेएस कुशवाहा आदि मौजूद रहे।