- 290 मार्कशीट फर्जी होने का संदेह प्रदेश में, एकेटीयू ने की छानबीन

- 32 मार्कशीट मेरठ की आ रहीं हैं संदेह के दायरे में

- 1500 मार्कशीट जांच के लिए पहुंची थीं एकेटीयू में

- 40 फीसदी मार्कशीट ऐसी हैं जिनमें संदेह है कि फर्जीवाड़ा करके छात्रों को दी गई

Meerut एकेटीयू ने प्रदेश स्तर की ऐसी मार्कशीट को जांच के घेरे में रखा जिनमें कॉलेजों या तो यूनिवर्सिटी के नाम का गलत यूज किया है या फिर स्टूडेंट ने फर्जी बनवाई है ऐसा संदेह जा रहा है, प्रदेशी स्तर की ऐसी 290 मार्कशीट है जिनके फर्जी होने का संदेह जताया जा रहा है, दरअसल ये मार्कशीट कुछ प्राइवेट कम्पनी के जरिए यूनिवर्सिटी के पास पहुंची है। दरअसल, साल में कुल 1500 मार्कशीट जांच के लिए पहुंची थीं। जिनमें से यूनिवर्सिटी को 290 मार्कशीट के फर्जी होने का संदेह है। फिलहाल इनकी जांच चल रही है।

कॉलेजों से मांगा जवाब

प्रदेश स्तर की इन मार्कशीट में से 40 प्रतिशत तो ऐसी है जिनमें कुछ ऐसे कॉलेजों ने दूसरी यूनिवर्सिटी का सहारा लेकर स्टूडेंट को मार्कशीट दी है, लेकिन हकीकत ये है कि वो कॉलेज इस यूनिवर्सिटी के अंडर में नहीं आते है, मेरठ की 12 मार्कशीट ऐसी ही है, जिनमें सहोदय डिग्री कॉलेज, मवाना रोड मेरठ, देवश्री इंजीनियरिंग कॉलेज कंकरखेड़ा, मेरठ, रघुवर डिग्री कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, भैंसा मेरठ की अधिक मार्कशीट ऐसी है, इन कॉलेजों से जवाबदेही के लिए लेटर भी लिखा है व एफिलिएशन के संबंधित कागजात मांगे गए है।

मेरठ की 32 मार्कशीट

मेरठ से 32 मार्कशीट की जांच की जा रही है। इनमें 20 मार्कशीट ऐसी हैं जिनमें स्टूडेंट्स ने किसी दूसरे की मार्कशीट में नाम व कुछ नंबर आदि की अदला बदली कर रखी हो, ऐसा लग रहा है। हालांकि कुछ ऐसी भी है जिनमें नम्बर कम थे उनको बढ़ाया गया है, उनकी जांच बाद में होगी फिलहाल पहले उनकी जांच हो रही है जिनके नाम आदि परिवर्तित लग रहे है, ऐसे स्टूडेंट का संबंधित कॉलेज से डाटा व अन्य डिटेल्स मांगी जा रही है, ये चेक किया जा रहा है कि क्या वो स्टूडेंट हकीकत में कॉलेज में स्टूडेंट भी रहा है या फिर वास्तव में फर्जी है।

हमारे कुछ सब्जेक्ट के एफिलिएशन यूनिवर्सिटी से है, इसके कागजात की फाइल तैयार कर जल्द ही भेजी जाएगी।

सोमेंद्र शर्मा, प्रबंधक, सहोदय डिग्री कॉलेज, मवाना रोड मेरठ,

बीटेक के एफिलिएशन के लिए काफी समय से कागजात भेजे हुए है, बस कॉलेज को सर्टिफिकेट मिलना बाकी है, बाकी यूनिवर्सिटी से मांगे गए कागजात भेजे जा रहे है।

आबिद, प्रिंसिपल, देवश्री इंजीनियरिंग कॉलेज कंकरखेड़ा, मेरठ,

इस संबंध में ऐसे कुछ नहीं कहा जा सकता है, अभी ऑनर बाहर है। बिना किसी जानकारी के कुछ नहीं बताया जा सकता है।

सुनील सिंह, पीआरओ, रघुवर डिग्री कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग , भैंसा मेरठ