पांच महीने बाद भी सभी मेडिकल स्टोर्स और प्राइवेट डॉक्टर्स नहीं दे रहे रिपोर्ट
अभी तक 1700 में से सिर्फ 12 मेडिकल स्टोर्स ने ही भेजी है इसकी रिपोर्ट
>Meerut। 2025 तक देश को टीबी से मुक्त करने की योजना के तहत एक ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज से सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान की शुरुआत हो रही है, वहीं मेडिकल स्टोर्स और प्राइवेट डॉक्टर्स इस योजना को पलीता लगा रहे हैं। सुस्ती और लापरवाही का आलम यह है कि छह महीने बीतने के बाद भी विभाग के पास पूरे जिले के मरीजों का डाटा नहीं पहुंच सका है। अभी तक सिर्फ 12 मेडिकल स्टोर्स ने ही टीबी की दवाइयों की बिक्री का डाटा दिया है, वहीं मात्र 141 प्राइवेट डॉक्टर्स की ओर से जिला टीबी विभाग को मरीजों का रिकार्ड उपलब्ध करवाया गया है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग जिले में टीबी के मरीजों की वास्तविक संख्या और स्थिति का सही रिकार्ड तैयार नहीं कर पा रहा है।
मात्र 25 स्टोर्स पर कार्रवाई
एच-1 शेड्यूल के तहत मेडिकल स्टोर्स को दवाइयों का डाटा ड्रग विभाग को हर महीने की 5 तारीख को प्रोवाइड करवाना होता है, जहां से यह डाटा विभाग के पास आता है। रिकार्ड न देने वाले मेडिकल स्टोर्स पर ड्रग विभाग भी अपना शिकंजा नहीं कस रहा है। करीब 1750 दवा विक्रेताओं में से मात्र 25 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस ही सस्पेंड किए गए हैं, वहीं 24 विक्रेताओं ने दवाइयों की बिक्री की निल रिपोर्ट विभाग को दी है।
शून्य की भी देनी होगी रिपोर्ट
कई डॉक्टर्स और मेडिकल स्टोर संचालकों की ओर से उनके यहां टीबी के मरीज न आने के चलते रिपोर्ट दी ही नहीं जा रही है, जबकि विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सभी प्राइवेट डॉक्टर्स और दवा विक्रेताओं को शून्य मरीज होने की रिपोर्ट विभाग को हर हाल में देनी होगी।
फैक्ट्स फाइल
1750 मेडिकल स्टोर्स
254 प्राइवेट टीबी क्लीनिक
1100 से अधिक अन्य प्राइवेट अस्पताल और क्लीनिक
मरीजों की स्थिति
1 जनवरी 2017 से 30 जून 2017
सरकारी अस्पताल में आए मरीज- 3891
प्राइवेट अस्पताल में आए मरीज- 723
कुल मरीज 4614
1 जुलाई 2017 से 31 दिसंबर 2017
सरकारी अस्पताल में आएं मरीज- 3136
प्राइवेट अस्पताल में आएं मरीज- 1195
कुल मरीज- 4331
1 जनवरी 2018 से 30 अगस्त 2018 तक
सरकारी अस्पताल में आएं मरीज- 4107
प्राइवेट अस्पताल में आएं मरीज- 2215
कुल मरीज- 6322
निक्षय पोर्टल पर रजिस्टर्ड कुल मरीज- 5057
महिलाएं- 2157
पुरूष- 2900
ब्लॉक वाइज मरीजों की स्थिति
मेडिकल कॉलेज - 338
जिला अस्पताल - 505
जिला क्षय रोग केंद्र पर मिले मरीज- 810
कैंट- 388
भावनपुर- 169
भूड़बराल - 284
दौराला - 205
हस्तिनापुर - 162
खरखौदा- 193
माछरा - 185
मवाना - 261
रोहटा - 178
सरधना - 268
सरूरपुर - 171
जानी - 220
राजपुरा - 297
कंकर ख्ोडा - 423
इनका है कहना
जो लोग डाटा नहीं दे रहे हैं, उन्हें बार-बार नोटिस भेजा रहा है। हम एक बार और इसके लिए सभी दवा विक्रेताओं और डॉक्टर्स के साथ मीटिंग करेंगे। अगर इसके बाद भी डाटा नहीं मिलता है तो निर्धारित कारवाई की जाएगी।
डॉ। राजकुमार, सीएमओ
हम लगातार मेडिकल स्टोर संचालकों को डाटा देने के लिए कह रहे हैं। जिन्होंने नहीं दिया है, उन पर निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है।
पवन शाक्य, ड्रग इंस्पेक्टर
हमारी ओर से सभी दवा विक्रेताओं को संबंधित दवाओं का डाटा देने के लिए अवेयर किया जा रहा है। लोगों से भी अपील हैं कि वह विक्रेताओं से पक्का बिल लें।
रजनीश कौशल, महामंत्री, ड्रग एसोसिएशन
सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान आज से
देश को क्षय रोग मुक्त करने की योजना के तहत आज से सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान की शुरुआत की जा रही है। यह अभियान 14 सितंबर तक चलेगा। डीटीओ डॉ। एमएस फौजदार ने बताया कि इस अभियान में 163 टीमें घर-घर जाकर सर्वें करेंगी । इस दौरान मिलने वाले मरीजों को विभाग की ओर से आर्थिक मदद भी मिलेगी।