सवा लाख से ज्यादा हुई सैंपलिंग, डिस्चार्ज होने वाले मरीजों का आंकड़ा भी ज्यादा

Meerut। कोरोना वायरस का बढ़ता आंकड़ा भले ही लोगों को डरा रहा है लेकिन जिले में अभी तक मात्र 2.26 प्रतिशत मरीज ही पॉजिटिव पाए गए हैं। रोजाना होने वाली सैंपिलंग की तुलना में ये दर काफी कम है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक सवा लाख से ज्यादा लोगों की सैंपिलंग हो चुकी है। विभागाधिकारियों का कहना है कि बीमारी से घबराने की बजाए अगर सावधानी बरती जाए तो काफी हद तक संक्रमण को रोका जा सकता है।

ये कहते हैं आंकड़े

27 मार्च को मेरठ में कोरोना संक्रमण का पहला केस सामने आया था।

2880 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं।

1,27,743 लोगों की सैंपलिंग करवा चुका है।

2.26 प्रतिशत मरीज ही पिछले साढे़ चार महीनों में कोरोना वायरस की जद में आए हैं।

2324 मरीज यानी 80 प्रतिशत से अधिक मरीज वायरस को मात देकर घर जा लौट चुके हैं।

104 मरीजों ने कोरोना वायरस की वजह से दम भी तोड़ा है।

15.7 प्रतिशत मरीज ही जिले में एक्टिव हैं।

(आंकड़े 17 अगस्त तक के)

80.7 प्रतिशत मरीज रिकवर

संक्रमण की जद में आकर कोरोना को मात देने वाले मरीजों का आंकड़ा जिले में कम नहीं हैं। अब तक 80.7 प्रतिशत मरीज रिकवर होकर घर जा चुके हैं। इनमें जहां माइल्ड सिम्टम्पस वाले मरीज शामिल हैं वहीं लेवल-3 यानी क्रिटिकल मरीजों की संख्या भी काफी है। डॉक्टर्स का कहना है कि मजबूत इम्यूनिटी इसका सबसे कारगर इलाज हैं। अगर मरीज की इम्यूनिटी अच्छी हैं तो इस वायरस से डरने की कोई जरूरत नहीं है।

दूसरी बीमारियां मौत की वजह

कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा जिले में ज्यादा है। अब तक कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों की दर 3.62 प्रतिशत है। हालांकि एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि कोरोना मरीज की मौत में अकेले जिम्मेदार नहीं है। दूसरी गंभीर बीमारियां भी इसमें बड़ी वजह बन रही हैं। मरीजों की स्टडी रिपो‌र्ट्स के अनुसार हाई रिस्क फैक्टर और कमजोर इम्यूनिटी कोरोना को शिकस्त देने में कामयाब नहीं हो पा रही है। डॉक्टर्स के मुतािबक अधिकतर मरीजों में पहले से ही डायिबिटीज, हायपरटेंशन व बीपी की शिकायत मिल रही थी। जबकि सीपीओडी यानी क्रोनिक अब्स्ट्रक्टिव पल्मनरी भी इसमें बड़ी भूमिका निभा रहा है। ये वायरस रेस्पेरेटरी सिस्टम पर वार करता है। एक्यूट निमोिनया के साथ कई बार मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर भी होता है। ऑक्सीजन लेवल घट जाता है और मरीज रिवाइव नहीं कर पाते हैं।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे जरूरी है एहितयात। अगर लोग प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करें तो इससे पूरी तरह से बचा जा सकता है। बीमारी से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है। जिले में रिकवर होने वाले मरीजाें का आंकड़ा काफी है।

डॉ। वेद प्रकाश, ओएसडी, मेरठ