मेरठ (ब्यूरो)। विशेष टीकाकरण अभियान मिशन इंद्रधनुष-5.0 का तीसरा चरण नौ अक्टूबर से शुरू होगा। तीन चरणों में आयोजित होने वाले इस अभियान के दो चरण पूरे हो चुके हैं। मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण का विशेष अभियान है। इसमें टीकाकरण से छूटे बच्चों व गर्भवती को प्रतिरक्षित किया जाता है।

शून्य से पांच साल तक
उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। प्रवीण गौतम ने बताया कि विशेष टीकाकरण अभियान मिशन इंद्र धनुष-5.0 में टीकाकरण से छूटे हुए शून्य से पांच साल तक के बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण किया जा रहा है। इसका पहला चरण सात से 12 अगस्त तक चला। दूसरा चरण 11 से 16 सितंबर तक चला। नियमित टीकाकरण के लिए जनपद में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था है। शहरी क्षेत्रों में शून्य से पांच साल तक के सभी बच्चों के लिए प्रतिदिन टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। रविवार समेत सभी सातों दिन जिला संयुक्त अस्पताल में टीकाकरण किया जाता है।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
मंगलवार से रविवार तक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। कहीं भी बच्चे को टीका लगवा सकते हैं। इसके अलावा टीकाकरण से छूटे बच्चों को प्रतिरक्षित करने के लिए समय-समय पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं। दूसरे चरण में नियोजित सत्र आयोजित किए गए। 21264 बच्चों व 2124 गर्भवती का टीकाकरण किया गया। तीसरे चरण के लक्ष्य के लिए हेडकाउंट सर्वे किया जा रहा है। गर्भवती महिलाओं का प्रतिशत 64.32 और बच्चों का टीकाकरण प्रतिशत 93.50 ई क्वच रहा।

12 बीमारियों पर वार
अपर शोध अधिकारी राम नरायण ने बताया कि जन्म के समय पहली बार, डेढ़ महीने पर दूसरी बार, ढाई महीने पर तीसरी बार, साढ़े तीन महीने पर चौथीबार, नौ से 12 माह पर पांचवीं बार, 16 से 24 महीने पर छठवीं बार और पांच साल पर सातवीं बार टीकाकरण होना जरूरी है। बच्चों को बीमारियों से बचाना है, उनका जीवन खुशहाल बनाना है तो टीकाकरण समय से जरूर कराएं। गौरतलब है कि जनपद में 11 बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है। जेई वैक्सीन सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश के चुने हुए जिलों में लगाई जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह बीमारी नहीं है।

गर्भवती को लगता है टीडी का टीका
स्वास्थ्य विभाग की ओर से गर्भवती को टिटनेस-डिप्थीरिया का टीका लगाया जाता है। यह टीका गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को टिटनेस और गलघोंटू जैसी बीमारी से प्रतिरक्षित करता है। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने अपील की है कि जो भी बच्चे नियमित टीकाकरण से छूट गए हैं, उनके अभिभावक उनको प्रतिरक्षित अवश्य कराएं।