मेरठ ( ब्यूरो)। मेडल पाकर छात्रों की खुशी की ठिकाना नहीं रहा। मास्टर ऑफ फाइन आर्ट में आरजू को 88 प्रतिशत अंक मिले। वह हापुड़ जिले के कन्या कल्याणपुर गांव की है। मेडल मिलने के बाद आरजू ने कहा कि वो आर्ट की प्रोफेसर बनकर यह बताना चाहती है कि वास्तव में कला का हमारे जीवन में क्या महत्व है। आर्ट के बिना हमारा जीवन अधूरा है। प्रोफेसर, कलाकार, पेंटर, म्युजियम विभिन्न क्षेत्रों में करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल अच्छे प्रोफेसर मिलना मुश्किल है वो कला का महत्व ही नहीं बताते है। इसके चलते जागरूकता की कमी है। आरजू को पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा स्वर्ण पदक मिला।

किसानों की मदद के लिए की पढ़ाई

बुलंदशहर निवासी ब्रजेश कुमार को एससी एग्रीकल्चर में 81.61 प्रतिशत अंक मिले। वो एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एमएससी कर रहे हैं। साथ ही पीसीएस की तैयारी कर रहे हैं। ब्रजेश ने बताया कि वो डिस्ट्रिक एग्रीकल्चर ऑफिसर, डीएचओ और सीनियर टेक्निकल असिस्टेंट बनकर किसानों की मदद करना चाहते हैं। किसानों का सहज रूप से लोन दिलाने में मदद करूंगा। ब्रजेश के पिता ललित कुमार एक किसान है और मां शकुंतला देवी हाउसवाइफ है। ब्रजेश ने दसवीं में 85 प्रतिशत व इंटर में 82 प्रतिशत अंक यूपी बोर्ड से प्राप्त किए है।

वन सेवा अधिकारी बनेंगी तनु

बीएससी एग्रीकल्चर की तनु चौधरी ने 80.60 प्रतिशत अंक पाकर चौधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार द्वितीय हासिल किया है। तनु गोचर महाविद्यालय रामपुर मनिहारन से बीएससी किया है। तनु ने 12वीं सरस्वती विद्या मंदिर अंबेठा पीर स्कूल 81 फीसदी प्राप्त किए है। तनु गोचर महाविद्यालय रामपुर मनिहारन से बीएड कर रही हैं।भविष्य में सिविल सर्विस की तैयारी करके भारतीय वन सेवा में अधिकारी बना चाहती है। तनु के पिता ब्रजवीर किसान, माता रीना देवी गृहिणी हैं। उनका कहना है कि वो वन सेवा अधिकारी बनकर वनों को सुरक्षित करना चाहती है।

जज बनकर करूंगी महिलाओं को जागरूक

सुरुचि ने एलएलएम मेरठ कॉलेज से 69.56 अंक के साथ उत्तीर्ण की है। सुरुचि मोदीनगर की देवनगर निवासी हैं। वे अब जज बनना चाहती हैं। जिसकी तैयारी वो सेल्फ स्टडी से कर रही हैं। वो महिलाओं के अधिकारों के प्रति जज बनकर बेहतर कार्य करना चाहती है। उनके पिता पिता मनोज कुमार नेवी से रिटायर, माता सुमन गृहिणी है। हाल ही में रोहटा रोड शालीमार गार्डन के विकांत सहारन से शादी हुई है। सफलता का श्रेय माता-पिता, पति, और शिक्षकों को दिया है। उनका कहना है कि उनको बहुत खुशी है कि चांसलर मेडल मिला है। मुझे ही नहीं मेरी फैमिली को भी बहुत खुशी है।