मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, तीमारदार या मरीजों को यहां पार्किंग की सुविधा न होने से अपने वाहन चोरी होने का डर सताता रहता है। उनका डर सही भी है क्योंकि पिछले तीन माह में मेडिकल थाना क्षेत्र से करीब 90 से ज्यादा वाहन चोरी के मामले सामने आए हैं। एक आंकड़े के मुताबिक मेडिकल में रोजाना करीब 1600 वाहनों का आना-जाना होता है। इतना ही नहीं, पार्किंग न होने के चलते खुद मेडिकल कॉलेज को हर माह करीब एक से डेढ़ लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

30 लाख से अधिक बकाया
दरअसल, मेडिकल कालेज में हर साल पार्किंग का ठेका छोड़ा जाता है। साल 2021-22 का ठेका तीन माह पहले मार्च में खत्म हो गया था। लेकिन उसके बाद से अब तक ठेका नहीं छोड़ा गया है। साल 2020 में कोरोना के कारण पूरे साल पार्किंग में नुकसान होने के कारण ठेकेदार पर साल 2020-21 का करीब 30 लाख रुपए का बकाया था। जिसे साल 2021-22 में चुकाने का ठेकेदार ने वादा किया था। मगर बकाया नहीं चुकाया जा सका। ऐसे में मेडिकल कॉलेज ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर नए टेंडर निकाले हैं। लेकिन नए टेंडर काफी अधिक महंगे होने के कारण कोई भी ठेकेदार ठेका लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में पार्किंग तीन माह बाद भी नही चालू हो पाई है।

वाहनों चोरी का खतरा
पार्किंग न होने के चलते मेडिकल कॉलेज प्रशासन को प्रति माह एक से डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं मेडिकल कॉलेज में रोजाना ओपीडी व अपने तीमारदारों से मिलने आने वाले लोगों बेहद परेशान हैैं। पार्किंग न होने के कारण वाहनों को खड़ा करने की जगह नही मिल रही है। बिना रखवाली के वाहन चोरी का खतरा भी बढ़ गया है।

फैक्ट्स एक नजर में
एलएलआरएम मेडिकल कालेज में 3 प्रमुख पार्किंग- मेन गेट, इमरजेंसी, ओपीडी के बाहर
रोजाना 1200 से अधिक दुपहिया वाहन और 400 से अधिक चौपहिया वाहनों की आवाजाही
मेडिकल कालेज समेत आसपास के व्यापारियों और दैनिक यात्रियों के वाहनों भी पार्किंग
प्रति वाहन दुपहिया 10 रुपए से चौपहिया 20 रुपए तक किराया
एक साल तक के लिए 20 से 22 लाख रुपए का पार्किंग ठेका
प्रति माह पार्किंग ठेकेदार की 1.25 से 1.30 लाख रुपए तक की आय
तीन माह से बंद पार्किंग से हुआ अब तक 4 लाख रुपए से अधिक का नुकसान

पार्किंग के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। अगले माह पार्किंग का ठेका छोड़ दिया जाएगा। जल्द पार्किंग शुरू होगी।
आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज