मेरठ । त्योहारी सीजन स्टार्ट हो चुका है। त्योहार हो और मिठाई की बात न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। बाजार में मिठाई की दुकानों पर तरह-तरह की मिठाई, लड्डू और रसगुल्ले सजे हुए हैैं। मगर त्योहारी सीजन में स्वाद के चक्कर में सेहत न बिगड़े, इसको लेकर आपको अलर्ट रहना है। दरअसल, मिल्क प्रोडक्ट में मलाई और चिकनाई के लिए मिलावट खोर दबाकर रिफाइंड ऑयल का प्रयोग कर रहे हैैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की मानें तो 70 प्रतिशत से अधिक मिलावटी मिठाईयां व फूड प्रोडक्ट शहर के बाजारों में दुकानों पर बिक रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले चार माह में 111 से अधिक फूड सैंपल्स के नमून जांच में फेल पाए गए हैं। इतना ही नहीं, फूड सेफ्टी विभाग पिछले तीन दिन मे 100 किलो से ज्यादा फूड सैंपल नष्ट करा चुका है।

रिपोर्ट में हुआ खुलासा
गौरतलब है कि इस साल अप्रैल से लेकर जुलाई तक की खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि विभाग द्वारा लिए गए 165 खाद्य पदार्थों में से 111 नमूने जांच में फेल निकले हैं। इनमें 73 सैंपल अधोमानक यानि जिन मानकों पर तैयार किए जाने थे, उन मानकों का पालन नहीं हुआ। वहीं 31 असुरक्षित यानि सेहत के लिए खतरनाक और सात सैंपल पर गलत जानकारी प्रिंट की गई थी। अधिकतर सैंपल त्योहारी सीजन में बिकने वाले प्रोडक्ट के साथ-साथ दूध, पनीर के फेल मिले। खास और खतरनाक बात जांच में यह सामने आई कि दूध व पनीर में मलाई की मिलावट के लिए रिफाइंड ऑयल की मिक्सिंग की जा रही थी। जो कि सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।

सभी मिठाई में मिलावट
खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिलावट के शक में 100 किलो से अधिक रंगीन मिठाई नष्ट करा दी। इसमें बर्फी, मिल्क केक, पनीर, घेरव, बेसन के लड्डू, मावा, रसगुल्ले आदि के अधिक सैंपल शामिल थे। सभी सैैंपल शहर समेत देहात क्षेत्रों से जांच के लिए क्लेक्ट किए गए थे।

केवल जुर्माने की कार्रवाई
हर त्योहार से पहले मिलावटखोरों के हौैंसले इस लिए बुलंद हो जाते हैं क्योंकि उन्हें सजा के तौर पर बस जुर्माना भुगतना होता है। इसी का नतीजा है कि मिलावट के मामले में जिले में पिछले पांच साल में सजा का कोई मामला सामने नहीं आया है।

फैक्ट्स एक नजर में।।।
साल 2023-24 - 2,95,90000
साल 2022-23 - 1,72,70000
साल 2021-22- 43,65000
साल 2020-21- 41,33500
साल 2019-20- 70,88000
साल 2018-19 - 60,73000

मिलावट पर लगाम के लिए लगातार टीम की सक्रियता बढ़ाई जा रही है। इसी का नतीजा है कि हर साल सैंपलिंग भी बढ़ रही है और अधिक से अधिक जुर्माना वसूला जा रहा है। लेकिन फिर भी आमजन का जागरूक होना बेहद जरूरी है।
शिव कुमार, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, एफएसडीए

त्योहारों के समय खाद्य पदार्थों में मिलावट का खेल बढ़ जाता है। फेस्टिव सीजन में तो कार्रवाई होती है। मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
रमन

जांच में पता चला है कि दूध की मलाई भी रिफाइंड से बनाई जा रही है। ऐसे में मिलावटी मिठाई गंभीर बीमारियों का कारण बन रही हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
अंशु

फेस्टिव सीजन में मिठाइयों में मिलावट होती है। स्वीट्स में गंभीर केमिकल मिक्स किए जाते हैं। ऐसे जान के लिए खतरा होते हैं।
अंकित