- इन चौराहों पर हर समय रहता है कब्जा

- सड़कों पर जाम की भी प्रमुख वजह है यह

Meerut: शहर के प्रमुख चौराहे जाम के अड्डे बन गए हैं। ये चौराहे ऑटो और बस, ई-रिक्शा के कब्जे में हैं। उन्होंने इसको सवारी भरने का प्रमुख अड्डा बना लिया है। यही वजह है कि इन चौराहों पर अक्सर जाम लगा रहता है और इनकी वजह से सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों की इन पर नजर नहीं पड़ती। बल्कि सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार विभाग आंखे मूंदे हुए हैं। इन चौराहों पर सिविल और ट्रैफिक पुलिस भी रहती है। लेकिन कोई भी इनको हटाने की जहमत नहीं उठाता। जिस वजह ट्रैफिक की समस्या सुधरने का नाम नहीं ले रही है।

सवारियां भरते और उतारते हैं

शहर के जितने भी प्रमुख चौराहें हैं जिन पर ट्रैफिक का भारी दबाव रहता है, वे सभी भारी ट्रैफिक की जद में हैं। हर समय बस, ऑटो, ई रिक्शा और साइकिल रिक्शा का जमावड़ा रहता है। वे यहीं से अपनी सवारियां भरते हैं और उतारते भी हैं। यही नहीं इनकी वजह से इन चौराहों पर ठेले वालों का भी कब्जा हो गया है। कोई ऐसा चौराहा नहीं है जो इनके कब्जे से बचा हो। ट्रांसपोर्ट नगर, दिल्ली चुंगी, बागपत अड्डा, बेगमपुल, घंटाघर, तेजगढ़ी, हापुड़ अड्डा समेत बाकी चौराहों की यही बद्तर स्थिति बनी हुई है।

रहता है भीषण जाम

इन चौराहों पर कब्जे की वजह से हर समय भीषण जाम रहता है। जिस वजह से यहां से गुजरने वाली ट्रैफिक को काफी व्यवधान रहता है। चौराहों पर आने वाले वाहन यहीं पर अटक जाते हैं। यही नहीं चौराहे की जाम की वजह से इनसे संबंधित सड़कों पर लंबा जाम जाता है। लोग घंटों अपने वाहन को लेकर कतार में खड़े रहते हैं। दिल्ली सड़क, घंटाघर रोड, खैर नगर, बेगमपुल रोड, हापुड़ अड्डा रोड हमेशा जाम की जद में रहता है।

हटाने वाला कोई नहीं

इन चौराहों पर सिविल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस दोनों ही तैनात रहती है। लेकिन कोई भी इनपर लगाम लगाने के लिए कदम आगे नहीं बढ़ता। जबकि दोनों के पास अधिकार हैं कि वे इनको वहां से हटा सकें। लेकिन वे वहां पर खड़ा रहकर ताकते रहते हैं। आम लोगों को यहां तक कहना है कि इन ठेले वालों को खड़ा करने व ऑटो व रिक्शा को रुकने के लिए पुलिस सुविधा शुल्क लेती है।

चौराहे को जाम मुक्त रखना सिविल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस दोनों की जिम्मेदारी है। उन्हें यदि वहां पर किसी भी प्रकार का कब्जा दिखता है वह तुरंत हटाना चाहिए।

- किरन यादव, एसपी ट्रैफिक