आई स्पेशल

-सिर्फ कागजों में चलाए जा रहे यातायात के नियम, सालों तक नहीं होती कार्रवाई

-मोटर रूल एक्ट 1985 में नियमों को उल्लंघन करने पर दो हजार से 20 हजार तक जुर्माने का प्रावधान

Meerut: क्या आप जानते हैं कि चप्पल पहनकर वाहन चलाने पर भी जुर्माना है। किसी तेज रफ्तार वाहन को पकड़कर साइकिल चलाना भी नियमों का उलंघन है। यही नहीं सड़क पार करते समय रेलिंग पर चढ़ने पर भी जुर्माना है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही देखिए कि ऐसी दर्जनों धाराएं हैं, जिनमें पिछले 17 वर्षो से मेरठ में कोई जुर्माना नहीं लगा है। ये सभी नियम आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस की शोभा बने हुए हैं। जिसके चलते शहर में मुसाफिर रोजाना जाम के झाम में फंसे रहते हैं।

नहीं लगा जुर्माना

-लाल बत्ती क्रॉस करने

-नशीले पदार्थ का सेवन कर गाड़ी चलाने

-भारी वाहन पकड़कर साइकिल चलाने पर

-वाहन में इंडिकेटर न होने

-चप्पल पहनकर वाहन चलाने

-वन-वे नियम का पालन न करने

-यातायात चिह्नों का पालन न करने

-खतरनाक दिशा में गाड़ी खड़ी करने

-बिना संकेत दिए वाहन को मोड़ना

-कार के बोनट पर बैठकर यात्रा करना

-नंबर प्लेट सही न होना

-विपरित दिशा में वाहन ले जाना

जाम की मुख्य वजह

रॉन्ग साइड से वाहन घुसाना। लाल बत्ती क्रॉस करना। वन-वे नियम का पालन न करना। दुकानों के सामने रास्ते पर गाड़ी खड़ी करना।

हादसों की वजह

शराब पीकर गाड़ी चलाना। तेज स्पीड से गाड़ी चलाना। वाहन पकड़कर साइकिल चलाना। गलत दिशा से ओवरटेक करना। बिना पार्किंग लाइट जलाए वाहन रात में खड़ा करना। वन-वे पर बिना डीपर दिए ओवरटेक करना। हेलमेट न पहनना।

दिल्ली में होता है पालन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन होता है। वहां हर स्थान पर वाहनों की स्पीड लिमिट होती है। नियमों का पालन न करने पर हर माह 587 चलान काटे जाते हैं। साथ ही हेलमेट न पहने पर हर माह 600 चलान काटे जाते हैं।

उगाही में अधिकारी रहते हैं मशगूल

आरटीओ विभाग की दिलचस्पी ट्रकों से वसूली की होती है और टै्रफिक पुलिस सिर्फ दोपहिया वाहनों के चलान काटने में मशगूल रहती है। ऐसे में ट्रैफिक नियम सिर्फ फाइलों में धूल चाटते रहते हैं, जिसके चलते वाहन चालक मनमर्जी से वाहनों को चलाते हैं, जिसकी वजहों से हादसे व जाम की स्थिति बनी रहती है।

नियम तोड़ने पर जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा यदि कहीं जुर्माना नहीं लगाया जाता तो इसकी जांच कराई जाएगी।

-पीके तिवारी, एसपी ट्रैफिक