- 24 सेंटर्स पर 11700 ने दिया यूजीसी नेट एग्जाम

- मेरठ में 16 हजार 918 ने किया था परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन

- फ‌र्स्ट पेपर में पूछे गए साइंस और कम्प्यूटर से रिलेटेड सवाल

Meerut यूजीसी नेट का एग्जाम मेरठ में 24 सेंटर पर हुआ। एग्ेजाम तीन पार्ट में हुआ था, जिसमें पहला पार्ट सभी स्टूडेंट्स ने काफी आसान बताया। स्टूडेंट्स के अनुसार जहां पहला पार्ट सभी के एग्जाम लेवल के हिसाब से काफी आसान बताया। वहीं दूसरा व तीसरा पार्ट किसी ने आसान तो किसी ने कनफ्यूजिंग बताया। मेरठ में इस एग्जाम के लिए टोटल 16 हजार 918 ने रजिस्ट्रेशन किया था, जिनमें से 11 हजार 700 से अधिक परीक्षार्थियों ने नेट का एग्जाम दिया है।

तीन पार्ट में हुआ था एग्जाम

यूजीसी नेट का एग्जाम तीन पार्ट में हुआ, जिसमें पहला व दूसरा पेपर सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच चला था। तीसरा पेपर दोपहर 1:30 बजे से 4 बजे तक चला था। एग्जाम मेरठ में 24 सेंटर पर चला था।

किस देश में सबसे ज्यादा coख् है

पहले पेपर में साइंस और कम्प्यूटर बेस सवाल आए थे, परीक्षार्थियों ने पहले पेपर को काफी आसान बताया। किस देश में सबसे ज्यादा सीओ टू गैस पाई जाती है? जेपीजी, जीप, बीएमपी और पीएनजी फाइल किस को कहा सेव किया जाता है? पीत पत्रकारिता पद का संबंध किससे है? मानव उत्पत्ति संबंधी स्त्रोतों में से कौन सी गैस प्रदूषण तत्व क्लोरों फ्लोरो कार्बन में है? कुछ इसी तरह के सवाल एग्जाम में आए जिन्हें परीक्षार्थियों ने बेहद आसान व लो लेवल का बताया। दूसरे और तीसरे पार्ट में जिसमें सब्जेक्ट बेस क्वेश्चन पूछे गए थे। उसमें किसी को पेपर काफी आसान लगा तो किसी को काफी कनफ्यूजिंग व हार्ड लगा।

कुछ इस तरह के थे सवाल

- कौन सुशासन के साधन है?

- मौलिक अधिकार के रूप में निजता का अधिकार किसमें अंतर्निहित है?

- संसद के दो सत्रों का अंतराल किससे अधिक नहीं होना चाहिए?

- कौन सा संगठन शैक्षिक योजना में क्षमता निर्माण कार्यक्रम से संबंधित है?

काफी मेहनत की थी एग्जाम के लिए

मैनें साइकोलॉजी से नेट एग्जाम दिया है। पेपर काफी आसान आया था, जितनी मेहनत की थी उससे काफी आसान पेपर आया है।

गुडन, सरधना

क्वेश्चन काफी आसान थे, जिन्हें पढ़ने बाद लग ही नहीं रहा था कि हम नेट का एग्जाम रहे हैं। पहला पेपर तो बहुत ही आसान था, तीसरा पार्ट तो फिर भी कुछ कनफ्यूजन वाला था।

ममता, सरधना

होमसाइंस से एग्जाम दिया है। पहला पेपर बहुत ही आसान था। तीसरा पार्ट भी आसान था। एग्जाम देने के बाद लगा कि नंबर आ सकता है।

वंदना, मुरादाबाद

पेपर तो अच्छा था, लेकिन कुछ क्वेश्चन ऐसे थे जो काफी घुमाकर दिए हुए थे, इसलिए वह कनफ्यूज कर रहे थे। बाकी पेपर ठीक गया है।

चित्रा, बिजनौर

होमसाइंस में सब्जेक्टिव क्वेश्चन कम दिए हुए थे, तथ्य व अभिकथन वाले सवाल ज्यादा थे। जो बेहद मुश्किल लग रहे थे।

अंजू, बड़ौत

पॉलिटिकल साइंस के सारे क्वेश्चन ही इंट्रस्टींग थे, पेपर देने में काफी मजा आया। एग्जाम काफी अच्छा गया है। सबसे आसान था पहला पार्ट जिसमें जीके से संबंधित क्वेश्चन काफी आसान थे।

मीनाक्षी, साकेत मेरठ