कॉमर्स स्टूडेंट से दिलवा दिए साइंस साइड के एग्जाम

- स्कूल की लापरवाही, स्टूडेंट का भविष्य दांव पर

- बच्चे का रो-रो कर बुरा हाल, डीआईओएस ने खड़े किए हाथ

swati.bhatia@inext.co.in

Meerut

सर, मैंने तो कॉमर्स साइड की ही तैयारी की है, लेकिन मुझे साइंस साइड के एग्जाम देने पड़ रहे हैं। कुछ आता नहीं इसलिए खाली कॉपी देनी पड़ती है।

शिक्षा विभाग बाबू- बेटा आपका कोड गलत भरा गया होगा, इसलिए ही ऐसा हुआ है, इसमें तो हम भी कुछ नहीं कर पाएंगे।

परीक्षार्थी - सर, मैं फेल हो जाऊंगा, मैंने तो फॉर्म के साथ ही फीस भी भरी है, लेकिन मेरे साथ तो यह नाइंसाफी हुई है। अब मेरे भविष्य का जिम्मेदार कौन है।

यहां हम बुधवार को शिक्षा विभाग में पहुंचे फरियादी स्टूडेंट और विभाग के बाबू के बीच हुई बातचीत आपको बता रहे हैं। यह चौंकाने वाली खबर है यूपी बोर्ड कार्यालय पर पहुंचे एक ऐसे स्टूडेंट की जो स्कूल की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा है। यह आपबीती है इंटर के स्टूडेंट अमर गुप्ता की, जिसने प्राइवेट से कॉमर्स साइड से फॉर्म भरा था, लेकिन सेंटर की लापरवाही के कारण उसे अब साइंस के एग्जाम देने पड़ रहे हैं।

शिकायत लेकर पहुंचा था विभाग में

बुधवार को डीआईओएस कार्यालय पर पहुंचे इंटर के प्राइवेट स्टूडेंट अमर की आंखों से लगातार आंसू निकल रहे थे। वो बार-बार रोते हुए बस यही बोल रहा था कि उसका भविष्य खराब हो जाएगा। अमर गुप्ता का कहना था कि उसने जीआईसी गोविंदपुर से प्राइवेट का फॉर्म भरा था। उसने यह फॉर्म नंद नाम के टीचर को भरने को दिया था, जिसके लिए उससे पैसे भी लिए गए थे। उसने फॉर्म कॉमर्स साइड से भरा था, लेकिन उसके रोल नंबर में स्कूल की लापरवाही से कोड गलत हो गए और साइंस साइड के सब्जेक्ट आ गए। अब उसे साइंस साइड का पेपर देना पड़ रहा है, जिसमें उसे अब खाली ही कॉपियां देकर आनी पड़ रही है। उसका कहना था कि ऐसे तो उसका साल बर्बाद हो जाएगा, उसके भविष्य का क्या होगा।

दी थी सूचना

अमर गुप्ता ने बताया कि जब उसके प्रवेश पत्र व रोल नंबर में सब्जेक्ट बदले हुए आए थे। उसने इसके लिए स्कूल के केंद्र व्यवस्थापक को लिखित सूचना देकर ठीक कराने की प्रार्थना की थी। अमर को टीचर ने उस समय तसल्ली देते हुए कहा था कि उसके सब्जेक्ट बदल दिए गए हैं, अब उसको अपने ही सब्जेक्ट के प्रश्न पत्र देने को मिल जाएंगे। अमर ने बताया कि वह भी इस आश्वासन से निश्चिंत हो गया और परीक्षा की तैयारी में जुट गया। अभी तक उसके कम्पल्सरी एग्जाम हुए थे, इसलिए उसे सब्जेक्ट कोड ठीक नहीं हुए उसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन जब वह मंगलवार को अपना बिजनेस ऑर्गनाइजेशन का एग्जाम देने खरखौदा सेंटर पर पहुंचा तो उसे वहां फिजिक्स का पेपर सॉल्व करने को मिला तो वह हैरान रह गया।

आगे के कोड तो बदलवा दो

अमर और उसके भाई का कहना था कि फिजिक्स का प्रश्न पत्र तो वो खाली देकर आया है। उसका वह कम्पार्टमेंट भर देगा, लेकिन आगे के कोड तो सही हो सकते हैं, अगर आगे के कोड बदल जाएं तो वह अपना भविष्य बचा सकता है। अमर ने विभाग के आलाधिकारियों से बातचीत की। उधर विभाग का यही कहना था कि यह तो स्कूल की लापरवाही के कारण कोड गलत भरने से ही हुआ है। इसमें तो बोर्ड स्तर से ही कुछ हो सकता है। विभाग भी इसमें कुछ नहीं कर सकता है।

परीक्षा देते समय लगा पता

अमर ने बताया कि उसे तो परीक्षा देते समय ही पता लगा कि उसका कोड नहीं ठीक हुआ है। उसे तो यह कहा गया था कि अभी एक दो पेपर दे दो तब तक बदले हुए कोड का प्रवेश पत्र आ जाएगा। जब पेपर देने बैठा तो हाथ में फिजिक्स का पेपर दिया गया।

इस मामले की रिपोर्ट बोर्ड को दी जाएगी। फिलहाल बोर्ड स्तर से ही इस पर सुधार हो सकता है।

एके मिश्रा, डीआईओएस