- सालों से शिक्षामित्र की नौकरी करने वाले अब हो गए थे स्थायी

- वेरीफिकेशन के दौरान पकड़ी गई चालाकी, एफआईआर

- इन तीनों शिक्षामित्रों के पकड़े जाने के बाद विभाग हुआ सख्त

Meerut: शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक का सफर तय करने वाले लोगों को तैनाती के बाद एक बड़ी राहत मिल गई। इनमें से कई ऐसे शिक्षामित्र भी रहे जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर नौकरी करते रहे। साथ ही आखिरी दौर में पक्की तैनाती भी पा ली। लेकिन इन फर्जी शिक्षामित्रों से इनकी नौकरी छीनने की विभाग की प्रक्रिया लगभग कंपलीट हो गई है। जिसके चलते इन सभी फर्जी शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिनसे नौकरी के साथ लिया गया पैसा भी वापस लिया जाएगा।

यह रहा सीन

सूबे में करीब 9ख् हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें अधिकतर शिक्षामित्र बिना टीईटी पास हैं। जिनके हाथ शिक्षा की डोर दे दी गई। इनकी योग्यता इंटर पास है। जबकि सूबे में लाखों अच्छे खासे पढ़े लिखे मौजूद हैं। इसके बावजूद इनको नौकरी दे दी गई। अब इन शिक्षामित्रों में से कई लोग ऐसे हैं जो फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए शिक्षामित्र बन गए। लंबे समय से नौकरी कर रहे इन शिक्षामित्रों में से मेरठ में तीन शिक्षामित्र फर्जी पाए गए। जिनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है।

नोटिस जारी किया गया

विभाग की तरफ से इन तीनों फर्जी शिक्षामित्रों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है। जल्द ही इस संबंध में इन शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही इनसे नौकरी छीनकर मानदेय की रिकवरी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि जब इनके डॉक्यूमेंट फर्जी हैं तो इनको नौकरी से अलग करने के बजाय नोटिस दिया जा रहा है। इनको अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है। बीएसए इनके खिलाफ पहले रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कर रहे थे, लेकिन अब मौका देने को कह रहे हैं।

इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया है। जिसके बाद इनके खिलाफ एफआईआर की जाएगी। बाकी कार्रवाई इसके बाद होगी। ऐसे और भी लोग हो सकते हैं। फिलहाल इनको भी एक मौका अपनी सफाई रखने के लिए दिया जा रहा है। ताकि कार्रवाई से पहले इनके मन में कुछ ना रहे।

- जीवेंद्र सिंह ऐरी, बीएसए मेरठ