मेरठ ब्यूरो। ब्रह्मपुरी में रेलवे ट्रैक के ऊपर रैपिडएक्स कॉरिडोर का वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो गया। इसके अंतर्गत मेवला फ्लाइओवर के समानान्तर ब्रहमपुरी में रैपिडएक्स कॉरिडोर ने रेलवे लाइन सफलतापूर्वक पार कर ली। एनसीआरटीसी की टीम ने इस रेलवे लाइन पर महज ढ़ाई दिनो में लॉन्चिंग गेंट्री के जरिये रेलवे लाइन के ऊपर वायाडक्ट के इस हिस्से को स्थापित किया है।

13 मीटर की ऊंचाई पर बना कॉरिडोर

रैपिडएक्स कॉरिडोर द्वारा इस स्थान पर रेलवे लाइन को लगभग 13 मीटर की ऊंचाई पर पार किया गया है। इसके लिए यहाँ पर रेलवे लाइन के दोनों ओर दो पिलर्स बनाए गए थे। इन बनाए गए दो पिलर्स पर वायाडक्ट तैयार करने के लिए लौंचिंग गैन्ट्री द्वारा 10 सेगमेंट्स को लॉन्च करके आपस में जोड़ा गया है। रेलवे लाइन के ऊपर बनाए गए इस वायाडक्ट स्पैन की लंबाई लगभग 28 मीटर है। यह लॉन्चिंग गेंट्री वायाडक्ट का निर्माण करते हुए ब्रहमपुरी स्टेशन की ओर बढ़ रही है। यह वायाडक्ट ब्रहमपुरी स्टेशन को पार करने के बाद कुछ दूरी पर मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचने के लिए अंडरग्राउंड हो जाएगा।

13 मे से 3 भूमिगत स्टेशन

वायाडक्ट सेगमेंट्स को बनाने में प्री कास्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसकी खास बात यह है कि इससे निर्माण की उत्तम गुणवत्ता निश्चित रहती है और निर्माण कार्य में भी कम समय लगता है। मेरठ में, मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक, 21 किमी लंबे खंड में 13 स्टेशन हैं, जिन पर मेरठ मेट्रो की विश्व स्तरीय परिवहन सेवा स्थानीय यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी। मेरठ में कुल 13 स्टेशनों में से 3 भूमिगत हैं और शेष 10 स्टेशन एलिवेटेड हैं। मेरठ के एलिवेटेड स्टेशन में मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी के बाद एमईएस कॉलोनी, दौराली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो हैं। ब्रह्मपुरी और एमईएस कॉलोनी के बीच 3 भूमिगत स्टेशन हैं इनमें भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल शामिल है।

ग्रीन हाउस इफ्ैक्ट को कम करने रैपिड

एनसीआरटीसी भारत की प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का कार्यान्वन कर रहा है जो एक रेल-आधारित, हाई-स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रीजनल कम्यूटर ट्रांजिट सिस्टम है। इसकी डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटे और औसत गति 100 किमी प्रति घंटे है। इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा संचालित, आरआरटीएस एनसीआर में परिगमन के ग्रीन मोड के रूप में काम करेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) के उत्सर्जन और प्रदूषण को कम करना है।