मेरठ. विद्युत विभाग की लगातार छापेमारी के बाद भी बिजली चोरों में डर कम नही हो रहा है। मार्निंग रेड, स्मार्ट मीटर जैसी कवायद के बाद भी हर माह जमकर बिजली चोरी हो रही है। हालांकि विजिलेंस टीम भी लगातार छापेमारी कर चोरों की कमर तोड़ रही है। स्थिति यह है कि पिछले वित्तीय वर्ष में डिस्कॉम की रेड और विजीलेंस टीम ने 435 करोड़ से अधिक की बिजली चोरी पकड़ी है। इसके तहत 89 हजार लोगों पर बिजली चोरी का मुकदमा तक दर्ज हुआ है।

17 हजार उपभोक्ताओं के कनेक्शन हुए चेक
गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में विद्युत विभाग की विजिलेंस टीम ने 1.35 लाख उपभोक्ताओं के यहां छापा मारा था। इस अभियान के तहत 435 करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी पकड़ी गई। इसमें पीवीवीएनएल की रेड और विजिलेंस टीमों द्वारा मेरठ जोन में 17,997 उपभोक्ताओं के यहां छापा मारा था जिनमें से 13536 के यहां बिजली चोरी पकड़ी गई थी।

बिजली चोरी में अव्वल मुरादाबाद
बिजली विभाग के आंकडों के अनुसार गत वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक बिजली चोरी मुरादाबाद मे 33487 पकड़े गए हैं। इसके अलावा दूसरे नंबर पर सहारनपुर में 27 हजार और मेरठ में चौथे नंबर 13 हजार के करीब बिजली चोरी के मामले पकड़े गए हैं। कुल मिलाकर पीवीवीएनएल के 14 जनपदों में 435.16 करोड़ रुपए की बिजली चोरी पकड़ी जा चुकी है।


- पीवीवीएनएल के 14 जनपदों में करीब 100619 बिजली चोर पकड़े गए

- सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले मुरादाबाद, सहारनपुर और बुलंदशहर जोन में पकड़े गए

- सबसे अधिक मुरादाबाद मे 141.02 करोड़ की बिजली चोरी पकड़ी गई

- दूसरे नंबर पर सहारनपुर में 84.99 करोड़ और मेरठ में 55.32 करोड़ की चोरी पकड़ी गई

- सबसे कम बिजली चोरी नोएडा में 31.99 करोड़ की पकड़ी गई।

- 89,452 लोगों के एफआईआर दर्ज कराई गई

- विभाग को 45.34 करोड़ रुपये का राजस्व मिला और करीब 390 करोड़ रुपये आरसी जारी की गई

जोन पकड़े गए उपभोक्ता
मुरादाबाद 33487
सहारनपुर 27470
बुलंदशहर 15572
मेरठ 13536
गाजियाबाद 6929
नोएडा 3625


बिजली चोरी पर लगाम हमारी प्राथमिकता है ताकि विद्युत व्यवस्था सुचारू रुप से जारी रहे। हाई लॉस फीडर की हानियों को कम करने के लिए विजिलेंस टीम को अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
- वी चैत्रा, एमडी