- केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर भारी पड़ रही एनएचएआई की लापरवाही

- एनएचएआई ने नहीं लिया अधिग्रहित भूमि पर कब्जा, किसान बदल रहे रूख

- लापरवाही की भेंट चढ़ रहा बुलंदशहर हाईवे का चौड़ीकरण

आई एक्सक्लूसिव

Meerut: पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टालमटोल से योजना भंवर में फंस रही है। जिला प्रशासन ने एनएचएआई को सोमवार एक बार फिर अधिग्रहित भूमि पर कब्जे को लेकर पत्र लिखा है। वहीं दूसरी ओर अधिग्रहित भूमि पर अब किसानों का रूख बदल रहा है।

प्रशासन ने फिर लिखा पत्र

प्रभारी एडीएम भूमि आध्याप्ति एवं एडीएम सिटी मुकेश चंद्र ने सोमवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे भी अधिग्रहित भूमि पर कब्जे के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि एक्सप्रेस-वे के लिए मेरठ जनपद के 12 गांवों में 98 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण जिला प्रशासन ने किया है। दूसरे चरण में अथॉरिटी के गजट के बाद 11 गांवों से 34 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही चल रही है। 450 करोड़ रुपये जिला प्रशासन के मुआवजे के तौर पर किसानों में बांटा है। वहीं अथॉरिटी सूत्रों का कहना है कि मेरठ एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए कोई तैयार नहीं है।

फंस रहा है पेंच

प्रथम चरण के अधिग्रहण की कार्यवाही को पूरा हुए लगभग 1 वर्ष हो गया है। इसके बाद भी अथॉरिटी ने अभी तक अधिग्रहित भूमि पर कब्जा नहीं लिया है।

बुलंदशहर हाईवे भी अटका

मेरठ-बुलंदशहर हाईवे की फोरलेनिंग का काम भी एनएचएआई की लापरवाही से अटका पड़ा है। मेरठ एक्सप्रेस-वे को लेकर जिला प्रशासन आशंका यहां स्वरूप ले चुकी है। वहीं, निशान लगाने पहुंची अथॉरिटी की टीम को बुलंदशहर और मेरठ में ग्रामीणों ने खदेड़ा दिया है। 13 गांवों की 67 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण हाईवे के चौड़ीकरण के लिए मेरठ जनपद में किया गया है। अधिग्रहण का शत-प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और प्रशासन ने 235 करोड़ रुपए भी मुआवजे के तौर पर किसानों को अदा कर दिया है। वहीं मेरठ जनपद के 34 गांवों में 172 हेक्टेयर भूमि पर डीएफआरसी को कब्जा लेना है। मुआवजा और भूमि का अवार्ड कराने का काम चल रहा है।

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मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि पर एनएचएआई ने अभी कब्जा नहीं लिया है। प्रशासन द्वारा कई बार एनएचएआई को कब्जे के लिए लिखा गया है। लगातार लापरवाही परियोजना के लिए संकट खड़ा कर सकती है।

मुकेश चंद्र, एडीएम सिटी एवं प्रभारी एडीएम एलए