-कचहरी ब्लास्ट की आज है आठवीं बरसी, अब तक हत्थे नहीं चढ़े धमाके में शामिल रहे आतंकी

-धमाके ने तीन अधिवक्ताओं सहित नौ लोगों की गई थी जान, दर्जनों लोग हुए थे घायल

VARANASI

आठ साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी कचहरी में हुए धमाकों में घायल हुए लोगों के जख्म ताजा हैं। ख्फ् नवंबर वर्ष ख्007 का वह खौफनाक मंजर पीडि़त भूल नहीं पाते हैं। इस बम धमाके ने तीन अधिवक्ताओं सहित नौ लोगों की जान ले ली थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। इतने साल बीतने के बाद भी इस धमाके के आरोपी पुलिस या अन्य किसी जांच एजेंसी के अब तक हत्थे नहीं चढ़े हैं। इस घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को शासन सहित अन्य एजेंसियों से सहायता जरूर मिली लेकिन उनके जख्मों को अब तक भरा नहीं जा सका है।

किया था दावा

इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने जो तेजी दिखाई थी वह कुछ ही दिनों बाद पटरी से उतर गई थी। हाल यह है कि एजेंसियां अब तक जांच की दिशा तक तय नहीं कर सकी हैं। सभी की जुबान पर एक ही बात है कि आखिर कब तक प्रशासन चुप्पी साधे रहेगा। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जांच में कोई कमी न रह जाए। अधिकारियों ने सीएम के आदेश के बाद गर्व से हां भी कहा था। इसके बाद भी पुलिस प्रशासन अब तक कुछ नहीं कर सका है।

सब फिर से हो चुका है फेल

कचहरी ब्लास्ट को हुए आठ साल बीत चुके हैं। इस धमाके के बाद पुलिस प्रशासन सहित खुफिया तंत्र की वर्किंग स्टाइल पर सवालिया निशान लग गया था। फिर से ऐसी वारदात न हो इसके लिए तमाम प्लैनिंग की गई थी। कचहरी के सारे गेट्स पर डोर फ्रेम मेटल डिक्टेक्टर संग जवानों की तैनाती की गई थी। अंदर परिसर में भी पुलिस जवानों को निगरानी के लिए लगाया गया था। आदेश था कि कचहरी परिसर में टू व्हीलर या फोर व्हीलर नहीं जायेगा लेकिन ये सारे दावे समय बीतने के साथ हवा हवाई हो गए। प्रेजेंट में हाल ये है कि सभी डोर फ्रेम मेटल डिक्टेक्टर्स खराब पड़े हैं। सीसीटीवी कैमरों की हालत भी खस्ता है और सुरक्षा निगरानी के लिए लगाये गए जवान सिर्फ अपनी ड्यूटी पूरी कर निकल लेते हैं।