- रोहनिया पुलिस के हत्थे चढ़े फर्जी सीबीआई ऑफिसर बनकर ठगी करने वाले दो लोग

- फर्जी तरीके से खरीदी गई कार का करने पहुंचे थे सौदा, पास से कई फर्जी दस्तावेज भी बरामद

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नाम- लेखराज

उम्र- 40 साल

काम- सीबीआई के नाम पर लोगों को ठगना

नाम- मनोज कुमार सिंह

उम्र- 37 वर्ष

काम- सीबीआई के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी दिलाने का दावा करना

ये उन दो ठगों की प्रोफाइल है जिनको रोहनिया पुलिस ने सोमवार को भाष्करा तालाब के पास से अरेस्ट किया है। इनके पास से मिले सीबीआई के फर्जी आईकार्ड से लगायत कई और दस्तावेजों की जांच पुलिस कर रही है। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों शातिर सेना में नौकरी, सरकारी नौकरी या फिर अन्य दूसरे तरीकों से खुद को सीबीआई ऑफिसर बताते हुए लोगों को ठगने का काम करते थे और पलक झपकते ही लाखों अंदर कर लोगों को कंगाल कर निकल लेते थे।

दोनों का है पाक कनेक्शन!

पुलिस पूछताछ में दोनों के पाकिस्तान और बंग्लादेश से कई कनेक्शन होने की बात भी सामने आई है। पुलिस का दावा है कि इनका नक्सलियों से भी लिंक है। आईबी और एटीएस की टीम इन दोनों से पूछताछ कर रही है। पुलिस के मुताबिक भाष्करा तालाब के पास से इनकी गिरफ्तारी केबाद इनके पास से कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं। सीओ सदर ने बताया कि सीबीआई अधिकारी बनकर घूम रहे लेखराज पांडेय उर्फ सोनू और मनोज कुमार सिंह नाम के दो बहुरूपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि केशरीपुर स्थित भाष्करा तालाब के पास दो लोग चोरी की स्विफ्ट कार बेचने आए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेरेबंदी कर इन दोनों आरोपियों को दबोच लिया।

मिले हैं कई दस्तावेज

तलाशी में लेखराज के पास से सीबीआई और बांग्लादेश कस्टम डिपार्टमेंट के आईडी कार्ड मिले हैं। इसके अलावा बांग्लादेश का एक मोबाइल सिम, तीन वोटर आईडी कार्ड, पांच एटीएम कार्ड, दो ड्राइविंग लाइसेंस और दो पैन कार्ड भी बरामद हुए हैं। सभी दस्तावेजों की गंभीरता से जांच की जा रही है। एसओ रोहनिया शिवानंद ने बताया कि लेखराज आसनसोल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और मनोज सासाराम बिहार का। ये दोनों पैसे लेकर सेना में भर्ती कराने का काम भी करते थे। पूछताछ में आरोपी लेखराज ने बताया कि उसने एक कार एजेंसी से फर्जी तरीके से कार खरीदी थी। इसके अलावा बांग्लादेश कस्टम डिपार्टमेंट का एजेंट बनकर बांग्लादेश बॉर्डर पर दवा की तस्करी का काम भी करता था। करीब आधा दर्जन से ज्यादा राज्यों में दोनों सीबीआई का अधिकारी बनकर लोगों को करोड़ों का चूना लगा चुके हैं।

जरूरी है अलर्टनेस

- फर्जी ढंग से सीबीआई या किसी भी सरकारी पद का नाम बताकर रुपये पैसे मांगने वालों के झांसे में न आये

- इनसे पहले तो आई कार्ड दिखाने को कहें

- अगर ये आपके घर या दुकान पर जांच के नाम पर पहुंचे तो पहले लोकल पुलिस को सूचना दें तब इनको अंदर जाने दें

- अगर बिजली मीटर भी चेक करने के नाम पर कोई आये तो बगैर आईडी कार्ड चेक करे बगैर उसे अंदर न जाने दें

- किसी भी इंसान को नौकरी के नाम पर रुपये मांगने पर पहले पैसे न दें