- हरिद्वार कुंभ में स्नान के बाद हुए थे बीमार

- पीएम ने महंत के निधन पर जताया दुख

काशी अन्नपूर्णा मठ मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी का शनिवार को निधन हो गया। बनारस के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन की जानकारी होते ही संत समाज, काशी के अखाड़ों और काशीवासियों में शोक की लहर दौड़ गई। 67 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम ली। पाíथव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मंदिर में रखा गया है। रविवार की सुबह अंतिम यात्रा मंदिर प्रांगण से निकलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी के निधन पर दुख जताया।

मां भगवती का नाम लेते हुए शरीर का त्याग कर दिया

हरिद्वार कुंभ स्नान के दौरान वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। नई दिल्ली में इलाज कराने के बाद लखनऊ आ गए थे। इसके बाद ठीक होकर अन्नपूर्णा मंदिर में निवास कर रहे थे। इसी बीच 11 जून को दोबारा पोस्ट कोविड से उनकी सेहत खराब होने की वजह से मेदांता लखनऊ ले जाकर भर्ती कराना पड़ा था। उपमहंत शंकर पुरी के मुताबिक, विगत दस दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई थी। डॉक्टरों के जवाब देने के बाद शुक्रवार की रात उन्हें मेदांता से बनारस स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार दोपहर 3:30 बजे उन्होंने मां भगवती का नाम लेते हुए शरीर का त्याग कर दिया।

मंदिर प्रबंधक ने बताया कि 2004 में तत्कालीन महंत त्रिभुवन पुरी के निधन के बाद रामेश्वर पुरी को 17 अक्टूबर 2004 में महानिर्वाणी अखाड़े से संबद्ध श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर की महंती दी गई थी। उनके नेतृत्व में काशी अन्नपूर्णा अन्न क्षेत्र ट्रस्ट निरंतर समाज सेवा क्षेत्र में विस्तार पा रहा था। उनके महंत बनने के समय अन्नक्षेत्र के रूप में ट्र्स्ट का सिर्फ एक प्रकल्प संचालित था आज शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन, वृद्धजन सेवा समेत तमाम कार्य किए जा रहे हैं।