-एसटीएफ को मिला सेना भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह का सुराग

-सेना भर्ती में अनियमितता का पहले भी लगा है आरोप

-शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान कैंटोमेंट एरिया से पकड़ा गया था सेना का एक हवलदार

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सेना भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने वाला गिरोह पेपर को 12-12 लाख रुपये में बेच रहा था। एसटीएफ को एक युवक ने पर्चा लीक होने की जानकारी देते हुए बताया था कि जिसने उसे पर्चा दिया है उसने 12 लाख रुपये मांगे हैं। इस सूचना पर एक्टिव हुई एसटीएफ ने समय रहते लीक पेपर हासिल किया और इसकी जानकारी आला अधिकारियों तक पहुंचा दी। साथ ही लीक करने वाले गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।

मथुरा का नम्बर, महाराष्ट्र में लोकेशन

एसटीएफ को पर्चा लीक करने वाले गैंग के सरगना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई है। पर्चा लीक करने के बाद उसे वाट्सएप के जरिए भेजने के लिए जिस मोबाइल का इस्तेमाल किया गया उसके नम्बर की भी जानकारी मिली है। यह नंबर मथुरा के एक युवक का है। इस वक्त उसकी लोकशन महाराष्ट्र में है। एसटीएफ की एक टीम महाराष्ट्र रवाना हो गई है। उम्मीद है कि जल्द ही मामले में बड़ा खुलासा होगा। वहीं सेना का दावा है कि भले ही लीक पर्चे से असल पर्चे के सवाल मिल रहे हों लेकिन उनमें काफी अंतर है। सेना भर्ती कार्यालय का कहना है कि मूल पर्चे पर एक स्पेशल कोड है लेकिन लीक पर्चे पर ऐसा कोई कोड नहीं है। मूल पर्चा आगे-पीछे दोनों ओर प्रिंट है जबकि लीक हुआ पर्चा अलग-अलग चार पन्नों पर छपा है।

लापरवाही पड़ी भारी

सेना भर्ती प्रक्रिया को लेकर आर्मी इंटेलीजेंस की लापरवाही भारी पड़ गयी। कैंटोमेंट स्थित रणबाकुंरे स्टेडियम में शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी ने दलालों का वर्चस्व होने का आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत डीएम से की थी। सामान्य तरीके से जांच करके मामले को रफा-दफा कर दिया गया। इसी दौरान सेना का एक हवलदार भी कैंटोमेंट एरिया से ही पकड़ा गया था। उस पर भी भर्ती प्रक्रिया में खेल करने आरोप था। इस मामले में भी आर्मी इंटेलीजेंस ने बगैर किसी जांच के उसे बीएचयू एयर एनसीसी का कर्मचारी बताते हुए उनके हवाले कर दिया था। फिलहाल अब इंटेलीजेंस सक्रिय हुई है और मामले की जांच चल रही है।