-संस्कृत यूनिवर्सिटी के शास्त्री-आचार्य का एग्जाम 25 मई से

-पहले दिन 25 सेंटर हेड ले गए परीक्षा सामग्री, सिक्योरिटी रही नदारद

-प्रिंसिपल को स्वयं उठाना पड़ा कापी व पेपर्स

VARANASI

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के शास्त्री-आचार्य की ख्भ् मई से होने वाले एग्जाम के लिए गोपनीय थैले का डिस्ट्रिब्यूशन शुक्रवार को खुलेआम हुआ। खास बात यह रही कि गोपनीय थैले के वितरण में कोई गोपनीयता नहीं बरती गई। प्रिंसिपल को गोपनीय थैला थमाया गया और वो अकेले ही उसे अपने गंतव्य के लिए रवाना हुए। जबकि यूनिवर्सिटी में इस दौरान सिक्योरिटी का कोई इंतजाम नहीं था।

पहले दिन ख्भ् प्रिंसिपल पहुंचे

एग्जाम कंट्रोलर डॉ। राजनाथ ने बताया कि गोपनीय थैले के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए प्रिंसिपल/सेंटर हेड को मंडलवार ख्फ् मई तक यूनिवर्सिटी बुलाया गया है। पहले दिन बिहार को छोड़कर सूबे के बाहर के सभी स्टेट्स के ख्भ् कॉलेजेज के प्रतिनिधियों को गोपनीय थैले के लिए बुलाया गया था। इनमें मुंबई सेंटर के प्रतिनिधि नहीं पहुंच सके। वहीं गाजियाबाद के एक सेंटर प्रतिनिधि भी पहुंच गए थे। उन्हें भी थैला दिया गया। इस प्रकार पहले दिन ख्भ् सेंटर्स के रिप्रेजेंटेटिव को गोपनीय थैले दिए गए।

चार काउंटर्स से डिस्ट्रिब्यूशन

परीक्षा सामग्री के वितरण के लिए यूनिवर्सिटी में चार काउंटर बनाए गए हैं। एक काउंटर पर एडमिट कार्ड, दूसरे पर डेस्क स्लिप, स्टूडेंट लिस्ट, तीसरे पर गोपनीय थैला व चौथे काउंटर से कॉपी दी गई। कई प्रिंसिपल अपने साथ कोई प्रतिनिधि नहीं ले आए थे, लिहाजा उन्हें स्वयं परीक्षा सामग्री का पैकेट उठाकर ले जाना पड़ा। इसमें उनको परेशानी हुई।

नकलविहीन परीक्षा का निर्देश

इस दौरान सेंटर हेड को एग्जाम संबंधी निर्देश भी दिए गए। इसमें केंद्राध्यक्षों से नकलविहीन परीक्षा कराने को कहा गया है। परीक्षा में कोई गड़बड़ी करने पर मान्यता समाप्त करने की भी चेतावनी दी गई है।

नहीं मिला रिजर्वेशन

कई प्रिंसिपल्स का कहना है कि यूनिवर्सिटी से देर में सूचना मिलने के कारण ट्रेनों में रिजर्वेशन नहीं मिल सका। जनरल कोच में जर्नी करनी पड़ी। कहा कि गर्मी के दिनों में बिना रिजर्वेशन के पेपर-कापी लेकर जाना भारी पड़ेगा।

पूरे देश में फ्78 सेंटर्स

प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा शास्त्री-आचार्य की परीक्षा ख्भ् मई से दो शिफ्ट्स में होगी। 79,8क्8 परीक्षार्थियों के लिए पूरे देश में फ्78 सेंटर्स बनाए गए हैं। इसमें यूपी के बाहर भी फ्भ् सेंटर्स शामिल हैं।