-बनारस में बन रहे स्थाई बंकर में तैनात होंगे अत्याधुनिक असलहों से लैस पुलिसकर्मी

-आधा दर्जन आतंकी वारदात का गवाह बन चुका है शहर

-पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र होने की चलते टेरेरिस्ट ही हिट लिस्ट में शामिल है बनारस

VARANASI

किसी एलर्ट के दौरान शहर में बालू की बोरियों से अस्थाई बंकर बनाया जाता था। यह पहला मौका है जब ईट, सीमेंट-बालू से स्थाई बंकर तैयार किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि बनारस पर आने वाला खतरा बड़ा है। पेरिस में हुए आतंकी हमले के बाद तैयार हो रहे बंकरों को वर्ष ख्008 में ख्म्/क्क् को मुम्बई पर हुए हमले को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। इसमें आत्याधुनिक असलहों से लैस जवान हर वक्त मुस्तैद रहेंगे।

नाकाम होगा मुम्बई जैसा हमला

मुंबई ख्म्/क्क् हमले के के दौरान आतंकियों ने रेलवे स्टेशन को भी निशाना बनाया था। इसी तर्ज पर पेरिस में हुए हमले में टेरेरिस्ट ने ऑडिटोरियम समेत भीड़भाड़ वाले स्थान पर खूनखराबा किया। बनारस में तैयार हो रहे बंकर मुम्बई और पेरिस जैसे हमले को नाकाम करने के लिए बनाए जा रहे हैं। बनारस में बनाया जा रहा स्थायी बंकर इतना बड़ा है कि इसमें एक वक्त में आधा दर्जन सशस्त्र सिपाही मौजूद रहें। मजबूती ऐसी है जो भारी-भरकम हथियार से निकलने वाली गोलियों और ग्रेनेड के हमले को झेल जाए। पुलिस अधिकारियों की मानें तो इसमें एक वक्त में दो से तीन सिपाही की तैनाती रहेगी। इनके हाथों अत्याधुनिक हथियार होंगे। रात में दूर तक देखने के लिए नाइट विजन दूरबीन भी इनके पास होगी।

हर तरफ मौजूद है खतरा

दुनिया के नक्शे में खास स्थान रखने वाला बनारस हर वक्त आतंकियों ने निशाने पर रहता है। आधा दर्जन बार वह अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम दे चुके हैं। कैंट रेलवे स्टेशन, संकट मोचन मंदिर, कचहरी, दशाश्वमेघ घाट, पर ब्लास्ट कराकर मासूमों की जान ले चुके हैं। पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के चलते देश भर की नजरें बनारस पर ही टिकी हुई हैं। इससे यह शहर टेरेरिस्ट की हिट लिस्ट में शामिल है। इस शहर के आसपास नक्सल प्रभावित जिले मौजूद हैं। आतंकी गतिविधियों से चर्चा में आया पड़ोसी आजमगढ़ भी पड़ोसी जिला है। इसके चलते अंदाज लगाना मुश्किल है कि बनारस पर आने वाला खतरा किधर से आएगा और कितना बड़ा होगा। आईएसआईएस की ओर से लड़ते हुए मारा गया एक भारतीय युवक आजमगढ़ का रहने वाला है।