निजीकरण के विरोध में जगह जगह ब्रांच के बाहर बैंककर्मियों ने किया प्रदर्शन

आज भी बैंकों की रहेगी हड़ताल, एटीएम में डाले गए कैश

Meerut बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सोमवार को सभी सार्वजनिक बैंकों में हड़ताल रही। ब्रांच में ताला लगाकर बैंककर्मियों ने बाहर प्रदर्शन किया, सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैंकों की यह हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहेगी। मेरठ में एक दिन की हड़ताल से ही सौ करोड़ रुपये के चेक का भुगतान रुक गया। साथ ही ब्रांचों से लेनदेन भी पूरी तरह से ठप रहा। बहुत से एटीएम खराब होने और कैश न होने से लोगों को भी काफी असुविधा हुई।

अखिल भारतीय स्तर पर बैंकों की यह दो दिवसीय हड़ताल है। दो दिन की हड़ताल से पहले शनिवार और रविवार को बैंक बंद रहे। तीसरे दिन सोमवार को हड़ताल की वजह से बैंक की सेवाएं ठप रही। विरोध प्रदर्शन करने के लिए मेरठ में ईके रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के सामने काफी संख्या में बैंककर्मी एकत्रित हुए, उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए निजीकरण का विरोध किया। गढ़ रोड स्थित जागृति विहार केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के बाहर भी बैंकर्स ने प्रदर्शन किया। स्टेट बैंक के गढ़ रोड स्थित आंचलिक कार्यालय पर बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। माल रोड इंडियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शन में महिला बैंककर्मियों की भी संख्या अधिक रहीं।

आज भी हड़ताल

आल इंडिया राष्ट्रीयकृत बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन के पदाधिकारियों के अनुसार मंगलवार को भी हड़ताल रहेगी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना था कि निजीकरण से केवल बैंककर्मी निजी नहीं होंगे, बल्कि ग्राहकों के वित्तीय सुरक्षा भी प्रभावित होगी। मेरठ सहित पूरे देश में 90 फीसद ग्राहक सरकारी बैंकों से जुड़े हैं। विभिन्न सरकारी योजनाओं में सरकारी बैंक आगे रहे हैं।

चेक का भुगतान रुका

मेरठ में सभी सरकारी बैंकों को मिलाकर एक दिन में सौ करोड़ से अधिक के चेकों का केंद्रीयकृत व्यवस्था में भुगतान होता है। शुक्रवार को शाम चार बजे तक जिन लोगों के चेक बैंक में लग गए थे, उनके भुगतान तो हो गए। उसके बाद के चेकों का भुगतान रुक गया। एक दिन की हड़ताल से सौ करोड़ के चेक का भुगतान नहीं हुआ है। मंगलवार तक यह 200 करोड़ से उपर पहुंच जाएगा। शहर में करीब 30 फीसद ग्राहक बैंकों में जाकर पैसे की निकासी करते हैं, हड़ताल से ऐसे ग्राहक परेशान हुए।

ई लाबी की उपयोगिता बढ़ी

लगातार बैंकों की छुट्टी और हड़ताल से बैंको के ई लाबी की उपयोगिता बढ़ी .यहां ग्राहकों को एटीएम बूथ पर कैश जमा करने और निकालने की सुविधा मिली। जिससे कैश लेनदेन में दिक्कत नहीं आई। हालांकि दिल्ली रोड स्थित कई बैंकों के एटीएम में कैश नहीं रहा। बैंक आफ बड़ौदा सहित कई बैंकों का एटीएम खराब रहा। सोमवार को शादियां की वजह से लोगों को बैंक की हड़ताल से परेशानी हुई। हालांकि हड़ताल से आनलाइन बैं¨कग पर असर नहीं पड़ा। यूपीआइ, भीम एप सहित अन्य डिजिटल लेनदेन जारी रहा।

एटीएम भी हुए खाली

एक एटीएम में करीब 22 लाख से लेकर 52 लाख रुपये एक बार बार में भरा जाता है। इसमें जिस एटीएम में दो हजार के नोट होते हैं, उसमें करीब 52 लाख रुपये आता है, जबकि पांच सौ रुपये के नोट डालने पर एटीएम में 22 लाख रुपये आते हैं। बैंक अधिकारियों के अनुसार मेरठ में करीब 70 फीसद लोग एटीएम से कैश की निकासी करते हैं। आरबीआई के निर्देश के बाद हड़ताल के दौरान ज्यादातर बैंकों ने अपने एटीएम कैश से भरे, लेकिन दो दिन की छुट्टियों और सोमवार की हड़ताल की वजह से एटीएम से सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक निकासी की गई। इसकी वजह से कई बैंकों के एटीएम भी कैशलेस हुए।

मार्च में बैंकों की छुट्टी

मार्च में बैंकों की कई छुट्टियां हैं। आगे होली की छुट्टी होने वाली है। ऐसे में जिन लोगों को बैंक में काम हो वह समय रहते करा लें।