कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार में प्रदेश में दूसरे स्थान पर

-अब तक 45 कोरोना संक्रमित स्वस्थ होकर घर गए

विनोद शर्मा

कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से बनारस में सब चिंतित हैं। लगभग हर रोज दो-चार केस सामने आ रहे हैं। बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी है। इसके बीच राहत की खबर है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार काफी अच्छी है। यहां कोविड-19 से रिकवरी रेट 56 प्रतिशत के साथ प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। 70 प्रतिशत के साथ राजधानी लखनऊ टॉप पर है। वहीं, देश की बात करें तो केरल का रिकवरी रेट सबसे अच्छा है। रविवार को बनारस के 15 कोकोना संक्रमित स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए।

अभी तक एक की मौत

प्रदेश में कोरोना से सबसे अधिक मौत आगरा में अब तक 23 हुई, जबिक लखनऊ में तीन और नोएडा-गाजियाबाद में दो-दो मौत हुई। वहीं बनारस में अब तक सिर्फ एक ही मौत हुई है। वह भी मौत के बाद पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव था। गंगापुर निवासी कपड़ा व्यवसायी डायबिटिज का मरीज था। तबीयत खराब होने पर बीएचयू के आईसीयू में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के अनुसार अगर पूर्व में जानकारी हो जाती तो कपड़ा व्यवसायी को भी बचाया जा सकता था। शनिवार को सबसे अधिक उम्र के कोरोना पॉजिटिव पेशेंट 77 वर्षीय सुपारी व्यापारी स्वस्थ होकर शनिवार को घर आ गया।

लगातार बढ़ रही संख्या

रविवार को कुल 17 मरीजों को स्वस्थ कर डिस्जार्च किया गया। इनमें 15 बनारस के हैं। एक साथ डिस्चार्ज हुए मरीजों की यह संख्या अब तक सबसे ज्यादा है। मरीजों के स्वस्थ होकर घर लौटने के बारे में डीडीयू आइसोलेशन वॉर्ड प्रभारी ने बताया कि कोरोना अन्य बीमारियों से अलग है। वायरस से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता अहम होती है। इधर बीच जो मरीज संक्रमित होकर आए, वे युवा हैं और उनकी इम्युनिटी पॉवर काफी स्ट्रांग है। इसलिए वह बहुत जल्दी स्वस्थ हो गए। कोरोना वायरस ने 21 मार्च को बनारस में दस्तक दी। दुबई से आए एक युवक में कोरोना की पुष्टि होते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। इससे निपटने के लिए डीडीयू हॉस्पिटल और बीएचयू में पहले से आइसोलेशन वॉर्ड तैयार कर लिया गया था। इसके बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती रही। शुरुआत में रफ्तार सामान्य रही। 24 अप्रैल को सात नये मरीजों की दस्तक से इसकी गति तेज हो गई। अब तक वाराणसी में कोरोना पाजीटिव की कुल संख्या 81 है।

हर 30वां सैम्पल पॉजिटिव

यूपी के प्रत्येक 30वें सैम्पल में कोरोना वायरस मिल रहे हैं। लगातार जांचों की संख्या बढ़ने से अधिक से अधिक मरीजों की पहचान आसान हो गई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अधिक से अधिक लोगों की जांच कर बीमारी को शुरुआत में पकड़ने में मदद मिल रही है। क्योंकि 75 प्रतिशत से अधिक ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। इसलिए चुनौती और बढ़ गई है। जल्द ही प्रदेश में 11 और प्रयोगशाला में कोरोना जांच की सुविधा बढ़ाई जाएगी।

शहर पाजीटिव स्वस्थ मौत प्रतिशत

नोएडा 216 121 2 55त्‍‌न

वाराणसी 81 45 1 56त्‍‌न

गाजियाबाद 133 75 2 53त्‍‌न

आगरा 743 305 23 41त्‍‌न

कानपुर 301 58 6 18त्‍‌न

लखनऊ 257 186 3 70त्‍‌न

यह आंकड़े 10 अप्रैल दोपहर तक के हैं।

वर्जन

वाराणसी में रिकवरी रेट बहुत अच्छा है। इसका पूरा श्रेय हमारे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को जाता है। प्रशासन की ओर हर जरूरी चीजें तत्काल मुहैया करायी जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे शहर में स्क्रीनिंग कर कर रही है। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जा रही है। हमें उम्मीद है कि बनारस बहुत जल्द कोरोना वायरस से मुक्त होगा।

-डॉ। वीबी सिंह, सीएमओ