-बीएचयू लॉ फैकल्टी में 40 परसेंट से कम अटेंडेंस वालों को एग्जाम में बैठने की नहीं मिली परमिशन

-सुबह छात्रों ने बंद कर दिया था फैकल्टी का गेट, टाइट सिक्योरिटी के बीच हुई परीक्षा

VARANASI

लॉ फैकल्टी, बीएचयू के छात्र दूसरे दिन भी एडमिट कार्ड के लिए तालाबंदी व प्रदर्शन किए, पर बात नहीं बनी। एग्जाम से वंचित किए जाने के विरोध में छात्रों ने बुधवार की सुबह ही संकाय के मुख्य गेट सहित कई गेट पर ताला जड़ दिया। वहीं प्रशासन ने मौके पर मौजूद आंदोलनकारियों को बल पूर्वक हटाया। इसके बाद टाइट सिक्योरिटी के बीच संकाय में परीक्षा हुई। छात्रों ने सिंहद्वार से लेकर संकाय एवं सेंट्रल ऑफिस तक आंदोलन किया, मगर बात नहीं बनी। वीसी ने भी 40 परसेंट से कम अटेंडेंस वालों को ढील देने से इंकार कर दिया। इसके बाद छात्र काफी मायूस हुए।

गेट पर बैठे रहे रातभर

छात्रों ने संकाय प्रशासन पर दु‌र्व्यवहार एवं प्रवेश नहीं देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार की दोपहर बाद ही सिंहद्वार को जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। रात को किसी तरह 40 परसेंट से अधिक वालों को इस शर्त पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई कि अगले सत्र में उनकी उपस्थिति 100 परसेंट रहनी चाहिए। वहीं इससे कम वालों की समस्या का हल नहीं निकला। इसके कारण वे रात भर ठंड में ही सिंहद्वार पर डटे रहे। सुबह होते ही छात्र संकाय के सभी गेट पर ताला जड़ दिए। इसकी सूचना डीन ने बीएचयू प्रशासन को दी। इसके बाद चीफ प्रॉक्टर पूरे दलबल के साथ पहुंच गई और छात्रों को बल पूर्वक हटाते हुए ताला तोड़ा गया। भारी संख्या में सुरक्षा बल देखकर छात्र भागने लगे। छात्रों का आरोप था कि उनपर सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज किया। हालांकि प्रशासन ने लाठीचार्ज की घटना से इनकार किया। किसी तरह परीक्षा शुरू कराई गई। प्रशासन का आरोप है कि कुछ छात्रों ने परीक्षा देने आ रहे छात्र-छात्राओं को रोकने का भी प्रयास किया। बुधवार को बीए एलएलबी पांचवां सेमेस्टर व तीन साल के कोर्स के तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा थी। प्रशासन का आरोप है कि सीनियरों के दबाव में कुछ जूनियर छात्र परीक्षा में नहीं बैठ पाए, जबकि उनको अनुमति थी। इसके कारण करीब डेढ़ सौ छात्र परीक्षा से वंचित रह गए। इसके बाद छात्र वीसी से मिलकर अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखीं। छात्रों का आरोप था कि टीचर्स नियमित व बेहतर शिक्षा नहीं देते। इस कारण उनको क्लास से वंचित होना पड़ता है। इस पर वीसी ने कहा कि अगर यह शिकायत पहले ही उनके पास पहुंची होती तो इस पर वे विचार करते।

बैक का है ऑप्शन

परीक्षा से वंचित छात्रों के पास अब बैक पेपर देने का ही विकल्प बचा है। हालांकि बैक पेपर देने वाले छात्रों की मेरिट भी बाधित होती है, जिससे बेहतर प्रदर्शन पर भी उनको मेडल से वंचित होना पड़ता है। खैर, इसको लेकर अधिकारी बीच का रास्ता निकालने में लगे हुए हैं।

150 का अटेंडेंस 70 परसेंट से कम

विधि संकाय में 1500 छात्र हैं, जिसमें से करीब 150 छात्रों की उपस्थिति 70 परसेंट से कम थी। सोर्सेस के मुताबिक इसमें से 89 छात्रों ने मेडिकल जमा किया था, जिसमें से 80 को एडमिट कार्ड दे दिया गया। वहीं नौ उन छात्रों को परीक्षा की अनुमति नहीं मिली जिनकी उपस्थिति शून्य से 40 परसेंट तक ही थी। सूत्र यह भी बताते हैं कि मात्र तीन ही ऐसे छात्र थे जो बीएचयू अस्पताल का मेडिकल जमा किए थे। अधिकतर छात्रों ने निजी अस्पतालों का मेडिकल जमा किया था।