अस्सी घाट पर बिखरी छटा, आयुषी गोस्वामी ने बनाया सुबह-ए- बनारस को खास

राग जौनपुरी, राग झूला में बंदिशें पेश कीं

VARANASI

अस्सी घाट पर मंगलवार की सुबह कुछ अलग ही छटा बिखरी। सुबह-ए- बनारस की शुरुआत सूर्य स्तुति के साथ हुई। उसके बाद बटुकों ने गंगा आरती की। यज्ञशाला में पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन संस्कार पूर्ण किया। इसके बाद बारी आयी स्वरांजलि की। उदीयमान कलाकार आयुषी गोस्वामी के सुरों ने सुबह को सुरीला बना दिया। आयुषी ने राग जौनपुरी, राग झूला में बंदिशें पेश कीं। भजन सुनाकर अपने कार्यक्रम का समापन किया। आयुषी आठ बरस की उम्र से ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ले रही हैं। गुरु पं। देवाशीष डे की देखरेख में अपनी कला को निखारने का प्रयास कर रही हैं। प्रयाग संगीत समिति की ओर से ख्याल, ठुमरी और भजन के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी आयुशी की संगीत के साथ पढ़ाई में भी गहरी रुचि है। दो से तीन घंटे नियमित रियाज करती हैं। आयुशी का कहना है कि उन्हें खुद की अलग पहचान बनानी है। लोग मुझे मेरे संगीत से जानें। इसके लिए मैं अपनी पूरी शक्ति संगीत को समर्पित कर रही हूं।