- BHU के ART सेंटरों पर कार्यरत कर्मचारी कर रहे स्वास्थ्य बीमा की मांग

- नियमित वेतन, तीन साल से रुके इन्क्रीमेंट व एरियर को लेकर भी गुहार

VARANASI

एचआईवी पीडि़तों के उपचार, जांच आदि कार्यो में बीएचयू स्थित एआरटी सेंटरों पर लगे कर्मचारियों का दर्द है कि उनको हमेशा हाई रिस्क में कार्य करना पड़ता है। बावजूद इसके उनके दर्द को कम करने के लिए कोई हमदर्द नहीं बन रहा है। एचआईवी पॉजिटिव, टीबी आदि पीडि़तों से रुबरू होने वाले कर्मचारियों ने एड्स नियंत्रण कर्मचारी कल्याण समिति की ओर से स्वास्थ्य बीमा व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सरकार से मांग की है। साथ ही इसको लेकर बीएचयू प्रशासन से भी गुहार लगाई है कि कम से कम एसएस अस्पताल की तरफ से स्वास्थ्य संबंधि लाभ प्रदान किया जाए।

हमेशा बना रहता है खतरा

चिकित्सा विज्ञान संस्थान के सर सुंदरलाल अस्पताल में एक एआरटी सेंटर, आइसीटीसी, गायनी विभाग में पीपीटीसीटी व सुरक्षा क्लिनिक चलती है। जहां पर एचआइवी की जांच व उपचार किया जाता है। समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ। मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि यहां पर चिकित्सक, काउंसलर सहित करीब भ्ख् स्टाफ हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर एचआइवी पीडि़तों के उपचार के दौरान हमेशा खतरा बना रहता है। बताया कि दो कर्मचारी तो टीबी से ग्रसित भी हो गए। ऐसे में बार-बार कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा एवं बीएचयू अस्पताल में मुफ्त इलाज की मांग की जा रही है। सभी कर्मचारियों ने अस्पताल प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है। कर्मचारियों का कहना है कि इस बार एड्स दिवस पर कुछ घोषणा की उम्मीद है। इसको लेकर सरकार को भी लिखा है। बताया कि बीएचयू में क्99भ् से यह सेंटर चल रहा है, जबकि देश में ख्फ् साल से यह प्रोग्राम शुरू है।