एमबीबीएस फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी भव्या, सहायक बैंक मैनेजर पिता की भी मौत

गगहा के राउतपार पुलिया के पास हुआ हादसा, ट्रक की टक्कर से कार के उड़े परखच्चे,

VARANASI

गगहा एरिया के राउतपार में मंगलवार की आधी रात ट्रक और कार में जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे में कार सवार गोरखपुर स्थित पीएनबी में कार्यरत असिस्टेंट मैनेजर और उनकी बेटी की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बेटी बीएचयू में एमबीबीएस फाइनल इयर की स्टूडेंट थी। वहीं कार चालक व सवार एक अन्य एमबीबीएस स्टूडेंट का गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

बेटी को लाने गए थे बनारस

कोतवाली एरिया मूलत: बेनीगंज निवासी हरिशंकर शुक्ला (भ्भ्) ने ख्0 साल पहले पुर्दिलपुर गैस गोदाम गली में मकान बनवा लिया और फैमिली के साथ यही रह रहे थे। वह उर्दू बाजार स्थित पीएनबी बैंक में असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। सोमवार को ड्यूटी करने के बाद घर चले गए। उनकी इकलौती बेटी भव्या शुक्ला बीएचयू में एमबीबीएस फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। वे मंगलवार को सुबह बेटी को लाने के लिए बनारस गए। वहां से शाम करीब भ् बजे वह चले तो रिश्तेदार अनमोल भी साथ हो लिया। मध्य प्रदेश के मुरैना जिला निवासी अनमोल शर्मा बीएचयू में ही एमबीबीएस कर रहा है। इंटर्नशिप पूरा होने के बाद अनमोल शर्मा और भव्या को एमसीआई में रजिस्ट्रेशन के लिए लखनऊ जाना था। इसलिए वह भी उसके साथ गोरखपुर आ रहा था। कार तिवारीपुर के अंधियारीबाग निवासी चालक मनोज चला रहा था।

क्ख्.फ्0 बजे हुई टक्कर

रात करीब क्ख्.फ्0 बजे कार गगहा गगहा और राउतपार के बीच थी। चालक ने एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की तभी गोरखपुर की तरफ से आ रहे ट्रक से आमने-सामने टक्कर हो गई। इसी बीच कार को ओवरटेक करने की की कोशिश कर रहे दूसरे ट्रक ने पीछे से कार में टक्कर मार दी। दोनों ट्रकों के बीच कार पिस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार सिकुड़कर छोटी हो गई और उसके दरवाजे, डिक्की आदि के लोहे टूटकर अलग हो गए।

क्00 नंबर पर जाती रही रिंग

जोरदार टक्कर और कार में दब जाने से हरिशंकर शुक्ला और भव्या की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं चालक व अनमोल बेहोश हो गए। कुछ देर बाद होश आया। उसने जब कार के अंदर अपनी और सबकी हालत देखी तो उसके होश उड़ गए। दर्द से उसका बुरा हाल था। वह यही समझ रहा था कि सभी उसकी तरह बेहोश हुए हैं। वह उन्हें होश में लाने की कोशिश करता रहा। इसके बाद उसने अपने मोबाइल से क्00 नंबर पर भी कॉल किया लेकिन फोन नहीं उठा। काफी देर तक रिंग जाती रही। एंबुलेंस के लिए वह क्0ख् नंबर पर भी कॉल करता रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आसपास से ही गाडि़यां गुजरती रहीं लेकिन किसी ने गाड़ी रोककर उनका हाल नहीं पूछा।

घंटों बाद पहुंची पुलिस

अंत में अनमोल ने अपने दोस्त मुन्ना सिंह के पास फोन लगाया। उन्होंने हादसे की जानकारी कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। इस दौरान दो-तीन घंटे गुजर गए थे। तब तक दो शव और बेहोश चालक के साथ अनमोल कार में ही बंद रहा। उसे लग रहा था कि अब वह भी नहीं बच पाएगा। सुबह पुलिस मौके पर पहुंची।

गैस कटर से काटी गई कार

मौके पर पहुंचने के बाद भी पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि वह घायलों को बाहर कैसे निकाले। इस बीच लोगों की भीड़ जुट गई। वहां जो नजारा था उसे देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। खून से लथपथ चालक और अनमोल बाहर निकलने के लिए छटपटा रहे थे वहीं दो बॉडी शांत पड़ी थी। थोड़ी देर में गैस कटर की व्यवस्था की गई। कार की बॉडी को काटकर दोनों शव व घायलों को बाहर निकाला गया। पुलिस ने घायल चालक और अनमोल को मेडिकल कॉलेज भेजा।