-संत समाज पर पिछले साल गोदौलिया चौराहे पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में संतों ने मनाया काला दिवस

-गोदौलिया चौराहे पर होने वाले प्रोग्राम को पुलिस और प्रशासन के प्रेशर के चलते संतों को मनाना पड़ा मठों और आश्रमों में

- सुबह से ही सतुआ बाबा, पातालपुरी और श्री विद्या मठ के बाहर तैनात कर दी गई थी फोर्स

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पिछले साल 22 सितम्बर को गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान साधु संतों पर गोदौलिया चौराहे पर हुए लाठीचार्ज और पुलिसिया दबंगई से नाराज संतों का मनोबल इस बार भी पुलिस के आगे टूट गया और संतों पर हुए अत्याचार के विरोध में काला दिवस गोदौलिया चौराहे पर मनाने की घोषणा कर चुके संतों को इसे अपने मठों और आश्रमों में ही मनाना पड़ा। दरअसल संत समाज अपना विरोध दर्ज कराने के लिए गोदौलिया चौराहे तक जाने की तैयारी में था लेकिन पुलिस ने सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही संतों को उनके मठों और आश्रमों में ही कैद होने पर मजबूर कर दिया। शहर के तीन बड़े आश्रमों सतुआ बाबा, श्री विद्या मठ और पातालपुरी आश्रम पर पुलिस को पुलिस ने पूरी तरह से घेर लिया। जिसके बाद संत समाज चाहकर भी आश्रमों से बाहर नहीं निकल सका और लोगों ने अंदर ही काला दिवस मनाकर विरोध दर्ज कराया।

खूब हुआ नाटक

गुरुवार की सुबह संतों के विरोध को लेकर पुलिस प्रशासन अचानक से फास्ट हो गया। पातालपुरी मठ ईश्वरगंगी में संतों की जुटान की आशंका के मद्देनजर यहां भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई। उम्मीद थी कि सतुआ बाबा संतोष दास गोदौलिया पहुंच सकते हैं तो उनको भी उनके आश्रम में ही बाहर फोर्स लगाकर रोक दिया गया। यही हाल श्री विद्या मठ में भी था। हालांकि यहां स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नहीं थे। उनके शिष्य मयंक के मुताबिक वो गोदौलिया का प्रोग्राम रद्द होने के बाद जबलपुर चले गए। इसके बाद भी फोर्स दोपहर तक यहां डटी रही। फोर्स को देखकर एक बार संत थोड़ा नाराज भी हुए लेकिन सुबह ही डीएम विजय किरन आनंद और एसएसपी आकाश कुलहरि पातालपुरी मठ पहुंच गए और संत बालकदास से बात कर उनकी मांगों का पत्रक लिया। पत्रक में प्रतिमा विसर्जन गंगा में कराये जाने की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने, संतों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और सनातन धर्म के त्यौहारों में कोई व्यवधान उत्पन्न न करने की मांग की गई थी।

पहले उखड़े फिर साहब के टाइट होते पड़ गए ठंडे

गोदौलिया जाने की जिद पर अड़े संतों से मिलने डीएम और एसएसपी पहुंचे तो पहले तो प्रशासन के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ कर रहे संत नाराज हुए लेकिन बाद में डीएम एसएसपी के टाइट होते ही ठंडे पड़ गए। मठ में मौजूद सूत्रों के मुताबिक संतों को मठों आश्रमों में पुलिस लगाकर कैद करने की बात से नाराज एक संत को जब उनके पिछले मुकदमे की याद दिलाई तो वो खुद ब खुद शांत हो गए।

हाईलाइट्स

- तीन आश्रमों में मना काला दिवस

- पातालपुरी ईश्वरीगंगी, सतुआ बाबा आश्रम मणिकर्णिका और श्री विद्या मठ

- पातालपुरी में संतों ने प्रशासन के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ किया

- सतुआ बाबा आश्रम में भी काला दिवस संतों ने मनाया

- श्री विद्या मठ में बटुकों ने काली पट्टी बांधकर मठ में ही विरोध किया

- मठों से लेकर गोदौलिया चौराहे पर पूरे दिन रही फोर्स तैनात

प्रशासन ने जिस तरह से पहले ही बात की थी कि मठ और आश्रमों में ही काला दिवस मनेगा। उसी वादे के साथ विरोध हुआ। प्रशासन को अपना मांग पत्र सौंपा गया है।

महंत बालकदास, पातालपुरी मठ

प्रशासन की ओर से कोई सख्ती नहीं हुई। हमने पहले से ही ये फैसला किया था कि संत समाज मठों में ही काला दिवस मनायेगा। उसी आधार पर विरोध किया गया।

महामण्डलेश्वर संतोष दास, सतुआ बाबा आश्रम

ये बात गलत है किसी भी संत को मठों में नजरबंद नहीं किया गया। पहले ही उनसे आग्रह किया जा चुका था। जिसके आधार पर विरोध दर्ज कराया गया। हम लोगों ने खुद मठ जाकर संतों से उनकी मांगों का पत्रक लिया है।

आकाश कुलहरि, एसएसपी