- वाह रे आरटीओ का सिटी ऑफिस, दलालों का वर्चस्व, पब्लिक परेशान
- लगा है सीसी टीवी कैमरा, नहीं होती रिकॉर्डिग
- यहां सिर्फ पैसा दीजिये और आसानी से करायी काम
1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ
आरटीओ में करप्शन का बोलबाला है ये किसी से भी छिपा नहीं है। लेकिन करप्शन पर लगाम लगायी जा सके और इस पर नजर रखने को सिटी ऑफिस में लगी तीसरी आंख बंद पड़ी हुई है। आई नेक्स्ट ने जब आरटीओ ऑफिस का रियलिटी चेक किया तो सच्चाई सामने आयी। इसे दलालों का वर्चस्व कहा जाए या अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत ये कहना तो मुश्किल है लेकिन इस दफ्तर में सिर्फ पैसा बोलता है। यहां आप पैसा देकर अपना काम आसानी से करा सकते हैं। लेकिन जब तक आप सुविधा शुल्क नहीं देंगे आपका काम नहीं होगा।
पड़ताल में खुल गयी पोल
चौकाघाट पर सिटी के लोगों की सुविधा के लिए आरटीओ ऑफिस बनाया गया है। लेकिन यहां लोगों के लिए परेशानी ज्यादा है। आई नेक्स्ट की टीम जब आरटीओ ऑफिस पहुंची तो यहां पर कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था। सभी केबिन खाली पड़े थे। दो चार कर्मचारी ही पूरा ऑफिस संभाले हुए दिखे।
दलाल दिलाते है एग्जाम
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों का सबसे पहला सामना जिम्मेदारों से नहीं दलाल से होता है। इसके बाद शुरू हो जाता है मनमाना पैसा लेने का खेल। दलाल अपने ग्राहक को सेट कर लेते है और उन्हें जल्द से जल्द बिना किसी परेशानी के डीएल बनवाकर देने का पूरा आश्वासन देते है। जिसके बदले में चार गुना तक वसूली होती है। ऑफिस की गैलरी में डीएल बनवाने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाते दलाल मौजूद रहते हैं।
बातचीत के दौरान एक दलाल ने बताया कि अगर आपको डीएल बनवाना है तो निर्धारित शुल्क से कुछ ही पैसा ज्यादा देना होगा और आपका काम आसानी से हो जाएगा। वहीं गाड़ी के ट्रांसफर कराने के लिए भी उन्हें मेन ऑफिस नहीं दौड़ना होगा। काम यहीं से हो जाएगा।
सीसीटीवी कैमरे किसी गड़बड़ी के कारण बंद हुए होंगे आपने जानकारी दी है मै उसे चेक करवाता हूं। गड़बड़ी मिली तो जल्द ठीक कराया जाएगा।
आरपी द्विवेदी, आरटीओ
ऐसा नहीं है कि सिटी ऑफिस पर दलाल हावी हैं, अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई करायी जाएगी।
अमित रंजन राय, एआरटीओ प्रशासन