-आईजीबीसी ने कैंट को दिया ग्रीन स्टेशन का सर्टिफिकेट

-सीआईआई के ग्रीन कैंपस में देश में सिकंदराबाद व यूपी में कैंट टॉप पर

-ग्रीन बनने को सोलर सिस्टम, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज सिस्टम व प्लांटेशन जरूरी

VARANASI

कैंट रेलवे स्टेशन यूपी का पहला ग्रीन स्टेशन बन गया है। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने स्टेशन को हैशटैग जीआरएसटी 17-0008 का सर्टिफिकेट दिया है। ग्रीन रेलवे स्टेशन प्रोजेक्ट के तहत हुए सर्वे में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन को 58 प्वाइंट्स मिले हैं। काउंसिल के चेयरमैन डॉ। प्रेम सी जैन की ओर से नार्दन रेलवे के जीएम विश्वेश चौबे को इससे रिलेटेड लेटर व सर्टिफिकेट सौंप दिया गया है। बता दें कि कैंट को ग्रीन बनाने के लिए देश के छह रेलवे स्टेशंस में बनारस को भी शामिल किया गया था। इसी क्रम में पिछले महीने कांफिडेरेशन इंडियन इंडस्ट्री की चार सदस्यीय टीम ने कैंट स्टेशन का इंस्पेक्शन भी किया था। जिसके बाद यह सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। इसकी खबर मिलते ही ऑफिसर्स से लेकर कर्मचारी तक में खुशी छा गयी। एक दूसरे को बधाई दी।

सिकंदराबाद देश में कैंट प्रदेश में

टीम की जांच में पूरे कैंपस में प्लांटेशन के अलावा सोलर सिस्टम, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, सीवेज सिस्टम, व्हीकल मैनेजमेंट सहित अन्य प्लान शामिल थे। जिसमें सोलर प्लांट व एलईडी का काम पूरा हो चुका है। यही नहीं प्लांटेशन भी स्टार्ट हो गया है। साथ ही सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए संबंधित एजेंसी को जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। बता दें कि इसके पहले सिकंदराबाद को देश का पहला ग्रीन रेलवे स्टेशन बनने का खिताब मिल चुका है। इस क्रम में वाराणसी कैंट स्टेशन का पिछले दिनों कांफिडेरेशन इंडियन इंडस्ट्री की चार सदस्यीय टीम ने इंस्पेक्शन कर कई सुझाव दिया था। साथ ही कैंपस में हुए वर्क की एनईआर डीआरएम ऑफिस में प्रेजेंटेशन भी किया गया था। जिसे समय रहते पूरा कर लिया गया।

सोलर एनर्जी से जगमगा रहा कैंपस

कैंट स्टेशन की लाइटिंग के लिए यहां सोलर प्लांट लगा दिया गया है। जिससे प्लेटफॉर्म, ऑफिस व सर्कुलेटिंग एरिया में लगी एलईडी लाइट को जोड़ दिया गया है। इसके चलते बिजली की सप्लाई ठप होने पर भी अब भारी भरकम जेनरेटर नहीं चलाया जाता। जेनरेटर न चलने से फायदा यह है कि कैंपस में विषैला धुंआ नहीं फैलता। कैंपस में 600 केवी का सोलर प्लांट लगा है। इस प्लांट के सोलर प्लेट मेन बिल्डिंग व प्लेटफॉर्म की छत पर लगाए गए हैं। इससे पूरे कैंपस में लाइटिंग के लिए बिजली की सप्लाई हो रही है। खास बात यह कि एलईडी के चलते बिजली की खपत भी कम हो रही है। फिलहाल कैंट स्टेशन कैंपस में 18 परसेंट सोलर एनर्जी का यूज हो रहा है, इसे अगले आठ महीने में 30 परसेंट तक ले जाना है।

हर तरफ हरियाली

स्टेशन में प्लांटेशन का काम एक प्राइवेट एजेंसी को सौंपा गया है। जिसको पौधों के देखरेख की भी जिम्मेदारी दी गयी है। इसमें पिछले दिनों 222 पौधे लगाए गए थे, जिसमें से 140 पौधे बचे हैं। टीम के सामने प्रेजेंटेशन में कैंट स्टेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कैंपस के खाली जगहों पर प्लांटेशन का डिटेल प्रस्तुत किया। इसमें कई जगह फिर से रोपे जाने वाले पेड़ भी लगेंगे। इसके लिए जगह चिह्नित कर सीआईआई को रिपोर्ट भेज दिया गया है। बता दें कि कैंपस में पांच साल पहले कई विशालकाय पेड़ थे। जिनसे पूरा कैंपस हरा-भरा था। लेकिन ये सारे पेड़ डेवलपमेंट की भेंट चढ़ गए। अब सर्कुलेटिंग एरिया को डेवलप करने का काम अंतिम दौर में है तो हरियाली की कमी महसूस की जा रही है। प्राइवेट एजेंसी सर्कुलेटिंग एरिया, सेकेंड एंट्री सहित यार्ड, ट्रैक, स्टाफ कॉलोनी की खाली जमीन पर प्लांटेशन करेगी।

वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट

कैंपस में यात्री आश्रय, डॉरमेट्री व प्लेटफॉर्म से निकलने वाले वेस्ट वॉटर को फिर से यूज करने का भी टीम ने पड़ताल किया था। जिसमें एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बताया गया कि पानी को फिर से उपयोगी बनाने के लिए कैंपस में ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। जिसे टीम ने मौके पर जाकर देखा। यह प्लांट अगले चार महीने में कार्य करने लगेगा। इसके अलावा टीम ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी सवाल किया। स्टेशन डायरेक्टर आनंद मोहन ने बताया कि सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का डीपीआर तैयार है। बोर्ड की ओर से कार्य के लिए टेंडर भी कर दिया गया है। जल्द ही कार्य स्टार्ट हो जाएगा। इसे एक साल में पूरा करने का टीम को भरोसा दिलाया गया है। यही नहीं कैंपस में चार बॉटल क्रशर लगाने की भी जानकारी दी गयी। बताया गया कि एक महीने में कैंपस में चार क्रशर विभिन्न जगहों पर लग जाएंगे।

ये बनने हैं ग्रीन स्टेशन

- कटरा

- सिकंदराबाद

- चेन्नई

- नई दिल्ली

- बनारस

- बंगलुरू

कैंट को ग्रीन स्टेशन की लिस्ट में शामिल कराने के लिए डिपार्टमेंट की पूरी टीम ने बहुत लगन से कार्य किया है। इसे मेंटेन रखने के लिए आगे भी जरूरी सुझावों का ध्यान रखा जाएगा।

रविप्रकाश चतुर्वेदी, एडीआरएम

कैंट स्टेशन

प्रदेश में कैंट का पहला ग्रीन स्टेशन बनना गौरव की बात है। इसमें सीआईआई का सुझाव वरदान साबित हुआ। इसको टारगेट कर स्टेशन एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रयास किया जो सफल साबित हुआ।

आनंद मोहन, स्टेशन डायरेक्टर

कैंट स्टेशन