BHU में तीन दिवसीय पूर्वाचार्य संगीत समारोह का समापन, कलाकारों ने प्रस्तुत की अपनी साधना

VARANASI

बीएचयू के पं ओंकारनाथ ठाकुर आूडिटोरियम में पूर्वाचार्य स्मृति संगीत समारोह के तीसरे व अंतिम दिन कलाकारों ने गुरुओं को अपनी साधना के पुष्प अर्पित किये। लिपिका दास गुप्ता को समर्पित कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो पं चितरंजन ज्योतिषी व बीएचयू के वीसी प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने शिरकत की। कार्यक्रम का आगाज डॉ। ज्ञानेशचंद्र पाण्डेय के गायन से हुआ। उन्होंने राग गोरस कल्याण में प्रस्तुति दी। तबले पर इनका साथ पं कुबेरनाथ मिश्र व हारमोनियम पर पंकज ने दिया। उसके बाद डॉ प्रेम किशोर मिश्र ने मंच संभाला और सितार के तारों को झंकृत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में पं पुंडलिक कृष्ण भागवत ने राग वृंदावनी सारंग की अवतारण की। गायन विभाग के हेड प्रो के शशिकुमार ने अपने गायन से श्रोताओं की वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य अतिथि कलाकार के रूप नासिक से आये पं ए कृष्णराव तामड़े ने मंच संभाला और बेहतरीन गायन से श्रोताओं को संगीत की बारीकियों से परिचित कराया। उन्होंने राग मुलतानी में निबद्ध 'गोकुल गांव का छोड़ा' व छोटा ख्याल नयनन में आनवान सुनाया। उन्होंने अपने कार्यक्रम का समापन पं भीमसेन जोशी के अभंग से किया। उनके बाद संकाय प्रमुख प्रो वीरेन्द्र नाथ मिश्र का सितार वादन हुआ। उनके द्वारा प्रस्तुत पहाड़ी धुन पर श्रोता झूमते रहे। प्रो ऋत्विक सान्याल ने धु्रपद गायन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति कृष्णा चक्रवर्ती का सितार वादन रहा। उन्होंने राग वागेश्री की अवतारणा की।

पुस्तक का हुआ विमोचन

इस अवसर पर डॉ विधि नागर व डॉ ज्ञानेश चंद्र पाण्डेय की पुस्तक का विमोचन वीसी प्रो गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने किया। दो स्टूडेंट्स संदीप मुखर्जी व कोमल प्रजापति प्रगति मूल्यांकन व आचरण को पुरस्कार प्रदान किया गया। संचालन अनुराधा व प्रो संगीता पंडित ने किया। ध्वनि व प्रकाश की व्यवस्था नरेन्द्र शर्मा का रहा।