-ठंड बढ़ते ही हॉस्पिटल्स में बढ़ने लगे दमा के पेशेंट्स, सर्दी, खांसी व सांस फूलने की बढ़ी बीमारी

-मंडलीय हॉस्पिटल के OPD में पहुंच रहे ओल्ड एज के मरीज ज्यादा परेशान

VARANASI

पिछले दो तीन दिनों से अचानक पड़ रहे कोहरे ने आम जनजीवन को अस्त व्यस्त करके रख दिया है। कोहरे का कहर सिर्फ फ्लाइट, ट्रेन्स व बसेज पर ही नहीं है बल्कि लोगों के सेहत पर भी पड़ने लगा है। फॉग की वजह से दमा के मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। गवर्नमेंट के साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भीं दमा के पेशेंट्स के पहुंचने की रफ्तार तेज हो गई है। सर्दी-खांसी की कम्पलेन लिये मंडलीय हॉस्पिटल के चेस्ट ओपीडी में पहुंच रहे ओल्ड एज मरीज अपना चेकअप करा रहे हैं।

40 पार वाले ज्यादा परेशान

मंडलीय हॉस्पिटल में चेस्ट के दोनों ओपीडी में डेली लगभग चार सौ से अधिक पेशेंट्स अपना चेकअप करा रहे हैं। ओपीडी में 40 से अधिक उम्र के ज्यादातर मरीजों में दमा की कम्पलेन मिल रही है। अमूमन 100 मरीजों में से 30 से 35 पेशेंट्स दमा के निकल रहे हैं। इन्हें डॉक्टर्स विशेष एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं। यही नहीं, दमा के रोगियों के अलावा सर्दी, जुकाम से पीडि़त बच्चों की भी तादाद पीडियाट्रिक्स ओपीडी में ज्यादा पहुंच रही है।

DDU में भी पहुंच रहे दमा मरीज

पं। दीनदयाल उपाध्याय डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के चेस्ट ओपीडी में डेली दो सौ से अधिक पेशेंट्स अपना चेकअप करा रहे हैं। यहां बुजुर्गो व महिलाओं में दमा की कम्पलेन ज्यादा मिल रही है।

नशा करने वाले रहें alert

डॉक्टर्स की मानें तो अभी तो यह शुरुआत है, जैसे-जैसे ठंड का असर बढ़ेगा यह बीमारी और भी गहराती जाएगी। खास कर नशे के आदी व्यक्तियों को तो बहुत परेशानी होगी। क्योंकि सर्दी में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादा देर तक यह प्रॉब्लम रहने पर बलगम पीले व हरे रंग के हो जाते है। इससे नाडि़यों पर बुरा असर तो पड़ता ही है, साथ में बैक्टीरिया भी विकसित होने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद मरीज निमोनिया की चपेट में आ जाता है और फिर वह लंबे इलाज के बाद ठीक होता है। कई केसेज में तो निमोनिया जानलेवा भी साबित होता है।

ठंड के मौसम में खांसी व दमा की बीमारियां बढ़ जाती हैं। नाक से ठंडी हवा प्रवेश करने पर गर्म होकर फेफड़ों तक पहुंचती है। इससे खास कर दमा रोग से पीडि़त लोगों के फेफड़ों पर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है।

डॉ। घनश्याम श्रीवास्तव, फिजिशियन

मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा

सिटी में पहले से ही स्मॉग के कारण दमा, अस्थमा रोगी परेशान हैं। अब ठंड शुरू हुआ है तो उनकी परेशानियां जस्ट डबल हो गई हैं। ओल्ड एज के मरीज इससे बहुत ज्यादा प्रभावित हैं। इसका समय पर इलाज न होने से निमोनिया का भी खतरा बढ़ जाता है।

डॉ। एसके पाठक, चेस्ट स्पेशलिस्ट

बरतें ये सावधानियां

-घर से बाहर कम निकलें

-नाक व कान ढककर रखें

-लस्सी, दही, आइसक्रीम व चावल का सेवन बिल्कुल न करें

-ज्यादा देर तक ठंड वाले स्थान पर रहने से बचें

-गर्म पानी से ही स्नान करें

-बादी खाद्य पदार्थो से भी दूरी बनाएं रखें

-बुजुर्गो को चाहिए कि वह तड़के की बजाय सूरज चढ़ने पर नहाएं

-खांसी या सांस फूलने पर तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें