-जिला कांग्रेस कमेटी ने बिना नेताओं से बात किए ही नामों का बनाया पैनल

-नॉमिनेशन की डेट समाप्त होने को और पार्टी को नहीं मिला एक अदद नाम

VARANASI

मिशन ख्0क्7 के लिए कमर कसकर तैयार कांग्रेस पार्टी विधानपरिषद चुनाव से बाहर खड़ी है। कम से कम पार्टी के धुर विरोधी व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में तो यही हाल है। यहां विधानपरिषद चुनाव के नॉमिनेशन को मात्र दो दिन बचे हैं और अभी तक कैंडीडेट के नाम पर विचार तक नहीं हुआ है। कहने को जिला कमेटी ने मीटिंग कर अपना कोरम पूरा कर लिया है। यूं कहें कि पार्टी कोरम तक ही सीमित है तो गलत नहीं होगा। हालांकि बिना दुल्हे के ही बाराती सज धजकर तैयार भी हैं। अब देखना है कि पार्टी को कोई कैंडिडेट मिलता भी है या नहीं।

मांगा नहीं टिकट भेज दिया नाम

इससे बड़ा हास्यास्पद क्या होगा जब पार्टी की जिला ईकाई ने उन लोगों का नाम पैनल में भेज दिया है जिन्होंने विधानपरिषद चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी ही नहीं की है। यहां तक कि नाम भेजने से पहले कैंडीडेट बनने के बाबत उनसे पूछा तक नहीं गया। जिला कमेटी की तरह यदि कोरम पूरा करते हुए प्रदेश कमेटी ने भी भेजे गए नाम में से किसी एक पर मुहर लगा दी और उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया तो क्या होगा। शायद इस पर विचार हुआ होता तो पैनल में नाम भेजने से पहले इन नेताओं से बात जरूर कर ली गई होती। पर ऐसा किया ही नहीं गया। ऐसा पैनल में शामिल किए गए नेताओं का भी कहना है।

बिना कैंडीडेट सौंपा प्रभार

इसे जिला ईकाई की अदूरदर्शिता कहें या पार्टी की कमजोरी कि बिना कैंडीडेट घोषित हुए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को चुनाव जिताने के लिए जिम्मेदारी सौंप दी गयी है। जिला कमेटी ने सभी आठ ब्लॉक सहित नगर पालिका रामनगर व नगर पंचायत गंगापुर के लिए प्रभारी के अलावा सह प्रभारी का फ्0 नेताओं को चार्ज सौंप दिया है। नाम न लिखने की शर्त पर एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह केवल दिखावा भर है। इतनी जल्दबाजी होती तो कैंडीडेट के नामों का पैनल भी समय रहते भेज दिया गया होता।

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पैनल में मेरा नाम भेजने की मुझे जानकारी नहीं है। नाम भेजने से पहले मुझसे पूछा तक नहीं गया। मैंने इस चुनाव के लिए कोई दावेदारी नहीं की है।

मणिशंकर पांडेय, प्रदेश उपाध्यक्ष

मैं जिलाध्यक्ष को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे इस लायक तो समझा। उनकी नजर में मैं चुनाव लड़ने लायक ही नहीं हूं। वैसे मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है।

वीरेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री

मुझे तो पता ही नहीं है कि जिला कमेटी ने विधानपरिषद चुनाव के लिए कैंडीडेट के नामों का पैनल भेजा है। कम से कम नाम भेजने से पहले पूछना तो चाहिए था।

अनिल कुमार श्रीवास्तव, एआईसीसी मेंबर