वरुणापुल एरिया में मामा-भांजा हत्याकांड के एक पखवारे बाद भी अपराधी पकड़ से बाहर

-पुलिस पर लग रहा सत्ताधारी दल का प्रेशर होने का आरोप

-दो की हुई गिरफ्तारी, एक ने किया सरेंडर

VARANASI

मामा-भांजे की हत्या के मामले में पुलिस की चाल धीमी पड़ गयी है। दो हमलावरों की गिरफ्तारी करने के बाद आरोपित राजू पाल ने सरेंडर कर दिया। लेकिन मुख्य आरोपित अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस की मानें तो तीनों आरोपित इस दौरान शहर से बाहर ही डेरा डाले हुए है। पुलिस पर इस मामले में सत्ता पक्ष का दबाव होने का भी आरोप लग रहा है।

एक ने किया सरेंडर

इस मामले में पुलिस लगातार आरोपितों की धर पकड़ के लिए दबिश दे रही थी। लेकिन पुलिस की नाक के नीचे एक आरोपित राजू पाल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने इसके बाद टीम की मूवमेंट बढ़ा दी है ताकि अन्य आरोपित कोर्ट में सरेंडर न कर सकें।

लगी है आठ टीम

तीनों आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। इसके लिए बनारस के साथ अन्य शहरों में पुलिस की टीम भेजी गयी है। सीओ कैंट खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे है। उन्होंने आठ टीम बनायी थी। जिसमें एक टीम क्राइम ब्रांच की है।

चार लाख के लिए मार दी गोली

चार सितंबर की रात वरुणापुल निवासी मामा रवि यादव और सारनाथ निवासी भांजे आकाश यादव की हत्या कमीशन के करीब चार लाख रुपये को लेकर हुई थी। दोनों वरुणापुल स्थित पेट्रोल पंप के पास मौजूद थे। जहां कैंट निवासी सोनू सिंह, सिकरौल निवासी राजेश यादव, जौनपुर निवासी धर्मेद्र यादव, वरुणापुल के अनिल यादव ने अपने साथियों के साथ मामा-भांजे को गोली मार दी। रवि की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि भांजे आकाश की बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में नौ सितंबर को मौत हो गयी।

हमारी आठ टीमें आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार शहर के बाहर भी दबिश दे रही है। तीन हमारी पकड़ में आ चुके हैं। अन्य तीन को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।

राजकुमार यादव, सीओ कैंट