- लोगों की आलमारी और लॉकर में पड़े 1000 और 500 के पुराने नोटों में से सन 2005 के नोट नहीं रह गए किसी काम के

- बैंकों से लेकर पेट्रोल पंप और कई दूसरी जगहों पर लेने से किया जा रहा इन्कार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से आठ नवंबर को 500 और 1000 के नोटों पर बैन लगने के बाद उन लोगों की मुश्किल अब और बढ़ गई हैं जिन्होंने नोटों की गड्डियों को बक्सों, आलमारियों और लॉकर में छिपाकर रखा था। आप सोच रहे होंगे कि हम ये कौन सी नई बात बता रहे हैं। परेशान तो सब हैं लेकिन ये परेशानी खासतौर पर उन लोगों के लिए है जिनके पास 2005 से पहले के 1000 और 500 के नोट हैं। दरअसल ये नोट सरकार ने पहले ही बंद कर दिए थे लेकिन उस वक्त लोगों ने इस ओर बहुत ध्यान नहीं दिया। ऐसे में लोग नोट रखे रह गए लेकिन जब इस बार नोट बंदी हुई तो उन लोगों की मुसीबत दोगुनी हो गई जिनके पास बक्सों से 2005 से पहले प्रिंट हुए पुराने नोट निकलने लगे। क्योंकि इन नोटों को न बैंक जमा कर रहा है और न पेट्रोल पंप से लेकर रेलवे में रिसीव किया जा रहा है।

सिल्वर लाइन वाले हैं नोट

500 और 1000 के बंद हो चुके नोटों को बहुत से लोग अब भी मार्केट में अपने अपने ढंग से खपाने में लगे हुए हैं। हर आदमी परेशान है कि कैसे उसके पास मौजूद नोट या तो नये नोटों में चेंज हो जाये या फिर इनके बदले कोई जरुरत का सामान ही मिल जाये। इसी के चलते बहुत से लोगों के पास रखे 2005 के पहले के नोट जब बाहर आने शुरू हुए तो लोगों को पता चला कि इनका तो कोई मोल ही नहीं है। वजह ये नोट सरकार ने पहले ही बंद कर दिए थे। जिस कारण इन नोटों को अब न बैंक ले रहे हैं और न ही कोई और। इन नोटों पर मौजूद लाइन सिल्वर कलर की है और कलर भी इस वक्त के नोटों से अलग है। जिसे देखते ही बैंकों से लेकर बाकी जगहों पर इनको अलग कर छांट दिया जा रहा है।