- ऑनलाइन जालसाजी पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार की ओर से जुलाई में शुरू होगा स्पेशल वर्कशॉप

- पुलिस से लेकर पब्लिक तक को बताये जाएंगे साइबर क्राइम से बचने के तरीके

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आज जिस तेजी से हर काम इंटरनेट के जरिए हो रहा है उसी तेजी से साइबर ठग भी लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। जानकारी के अभाव में लोग ऑनलाइन ठगों के झांसे में आ जाते हैं। लेकिन बनारस की पुलिस और आम लोग अब ऑनलाइन क्राइम के झांसे में नहीं आएंगे। क्योंकि सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना मंत्रालय की वैज्ञानिक संस्था सी डैक ने साई इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट संग मिलकर पीएम के संसदीय क्षेत्र में आमजन के साथ, पुलिस व प्रशासनिक सहित प्रोफेशनल्स को साइबर क्राइम व सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे पर जागरूक करने के लिए जुलाई के दूसरे सप्ताह से बड़ा वर्कशॉप शुरू करने की तैयारी की है। जिसमे इससे होने वाले अपराध, इससे बचने के उपाय व इसके कानून के बारे में भी एक्सपर्टस् बताएंगे।

बड़े पैमाने पर होगा आयोजन

कार्यक्रम के आयोजक एवं साई इंस्टीट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इस प्रोग्राम में लोगों को पासवर्ड सुरक्षा, इंटरनेट की व्यक्तिगत जानकारी को कैसे सुरक्षित रखना, साइबर अपराध से जुड़ी सारी जानकारी दी जाएगी। ये आयोजन बड़े स्तर पर होगा और स्कूल -कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज सहित सार्वजनिक स्थानों पर इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। अजय सिंह के मुताबिक साइबर अपराधी लोगों की तीन गलतियों की वजह से कामयाब हो रहे हैं। पहला डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप व टैबलेट आदि का एंटी वायरस सुरक्षित न किया जाना। दूसरा अपनी व्यक्तिगत जानकारियों को सोशल मीडिया व अन्य साइटों पर डालना और तीसरा बिना सोचे समझे अनजान लोगों को जानकारी उपलब्ध कराना। यही असावधानियां फिशिंग अटैक, स्पूफिंग या हैकिंग के काम आती हैं। वहीं इस प्रोग्राम को बतौर कोर्स भी स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक में शामिल करने की कवायद है।