वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम की सीमा में हार्डिंग्स लगाने के लिए करीब 270 निजी साइट को चिन्हित किया गया है, लेकिन शहर एक भी ऐसा इलाका नहीं है, जहां भवनों या उनकी छतों पर होर्डिंग्स न लगीं हो। यही स्थिति हाईवे की भी है। होर्डिंग्स माफियाओं ने जहां चाहा वहीं पर विज्ञापन की होर्डिंग्स टांग दी। नगर निगम अधिकारियों की अनदेखी से होर्डिंग्स लगाने वाले मनमानी कर रहे हैं।

शहर के चौराहों और तिराहे पर पुलिस बूथ और ट्रैफिक पोस्ट पर होर्डिंग्स लगाने के अलावा निजी साइटें भी निर्धारित की गयी है। नगर निगम के अनुसार इन जगहों के अलावा निजी भवनों पर कहीं और होर्डिंग नहीं लगाए जा सकते हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है। कचहरी, भोजूबीर, शिवपुर, गोदौलिया, लंका, नेवादा, सुंदरपुर, नरिया, कबीर नगर, दुर्गाकुंड, सामने घाट, डीएलडब्ल्यू, मंडुवाडीह, लहरतारा समेत कई इलाकों में छतों पर सैकड़ों होर्डिंग्स लगाए गए हैं। वहीं एलईडी पोल पर भी होर्डिंग्स लगाए गए हैं, जबकि इसके लिए निगम की ओर से आठ जगह ही चिन्हित किए गए हैं।

होर्डिंग की साइज तय
होर्डिंग लगाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने साइज भी निर्धारित किया है। उसी साइज में चिन्हित जगहों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति मिलती है, लेकिन इसमें भी खेल होता है। अधिकतम 30 &15 फीट की होर्डिंग लगाने की अनुमति है। वही छोटी साइज की अनुमति को लेकर बड़े साइज की होर्डिंग लगा दी जाती है। पुलिस बूथों पर 12& 6 फीट की साइज में होर्डिंग लगाने की अनुमति होती है। लेकिन यह भी मनमाने तरीके से बड़े साइज की होर्डिंग लगा दी जाती है।

यह है नियम
हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजेश विश्वकर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर होर्डिंग लगाना नियम विरुद्ध है। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ही अधिकृत है। किसी भी स्थान पर होर्डिंग लगाने की अनुमति नहीं है। सडक़ परिवहन मंत्रालय की नीति के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोई विज्ञापन अथवा होर्डिंग नहीं लगाया जा सकता है। इसमें जनहित के कुछ चिन्ह लगाने के लिए छूट दी गई है। इसमें बस स्टॉप, हॉस्पिटल आदि के लिए छूट होने की बात कही गई है।

2 से 3 साल की जेल
अधिवक्ता ने बताया कि हाईवे पर अवैध रूप से लगने वाले विज्ञापन की प्रकृति के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जेल और जुर्माने की कार्रवाई की जा सकती है। अगर विज्ञापन इतना लगा दिया गया और शायद नहीं दिख रहा है तो आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। इसमें 2 से 3 साल तक की जेल भी हो सकती है। आम जनता भी इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकती है।

नगरीय सीमा के बाहर 30 स्थान तय
अफसरों की अनदेखी और मिलीभगत से अवैध होर्डिंग का कारोबार किस कदर फलफूल रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत की ओर से होर्डिंग के लिए महज 5 लाख का ठेका दिया गया है लेकिन हाईवे से लेकर कस्बों तक करोड़ों की होर्डिंग मनमाने तरीके से लगाई गई हैं। इसमें न सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है। बल्कि हाईवे की सूरत भी बिगड़ रही है और दुर्घटना की भी आशंका रहती है। शहरी सीमा से बाहर हाईवे हो या छोटे-बड़े कस्बों में विज्ञापन की होर्डिंग लगाने के लिए जिला पंचायत में तीस स्थानों को चिन्हित किया है।

अब कार्रवाई की आई याद
नगरीय सीमा क्षेत्र में टीम गठित कर जोनवार अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए राजस्व कर्मियों और सुपरवाइजर को लगाया जाएगा। इसमें किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
-पीके द्विवेदी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी